Subsidy for Stubble Management Plant: खरीफ फसलों की कटाई के बाद पराली का प्रबंधन करना अपने आप में बड़ी समस्या है. इस साल भी हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने (Stubble Burning) के कई मामले सामने आये हैं. वैसे तो राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों के लिये जागरुकता कार्यक्रम और सब्सिडी योजनायें (Agriculture Scheme) चला रही है. इसके बावजूद हल साल पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. दीवाली आते-आते पराली के वायु प्रदूषण से लोगों का दम घुटने लगता है, इसलिए अब सरकार और किसान मिलकर पराली का इकोफ्रैंडली सोल्यूशन ढूंढ रहे हैं, जिससे पराली का निपटारा भी हो जाये और इससे किसानों को कुछ फायदा भी हो सके.


अब केंद्र सरकार ने इस समस्या का तोड़ निकाल लिया है. पराली जलाने की घटनाओं को कम करने और इसके सही प्रबंधन के लिये अब केंद्र सरकार किसानों को 1.4 करोड़ तक की सब्सिडी दे रही है. जी हां, ये सब्सिडी कृत्रिम कोयला बनाने के लिये ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट्स (Bricks Pellet Power Plant) लगाने पर दी जा रही है.


क्या है ब्रिक्स पैलेट और पावर प्लांट
आज सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बायोमास आधारित पैलेट की मांग बढ़ती जा रही है. बायोमास आधारित पैलेट-पराली से बनने वाला कृत्रिम कोयला (Artificial Coal) होता है. केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय अब यही कृत्रिम कोयला बनाने के लिये प्लांट लगाने की योजना लेकर आया है. केंद्र सरकार के निर्देशानुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPSB) भी पराली से पैलेट निर्माण की इस सब्सिडी योजना से जुड़ा है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पराली आधारित पैलेट का इस्तेमाल अब थर्मल पावर प्लांटों में अनिवार्य हो जायेगा. ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट लगाने के लिये किसानों को इकाई लागत पर 40% की सब्सिडी दी जायेगी. इस बीच समस्या ये है कि इस पावर प्लांट के लगाने में 3 से 6 महीने का समय लग जाता है तो इस साल पराली की समस्या को कैसे निपटाया जायेगा.


ब्रिक्स पैलेट और पावर प्लांट पर सब्सिडी
पराली से पैलेट बनाने के लिये सब्सिडी सयंत्र स्थापित करने वाली योजना को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने ही लॉन्च किया है. इतना ही नहीं, सरकार ने कुछ गाइडलाइंस भी जारी की हैं, जिसमें बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ लेकर पंजाब और हरियाणा में पैलेट या टोरेफैक्शन (कृत्रिम कोयला) प्लांट लगा सकते हैं. 



  • यहां 1 टन क्षमता वाला ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट  के लिये सरकार की तरफ से 14 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी.

  • वहीं इस सब्सिडी योजना के तहत आर्थिक अनुदान की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये रखी गई है.

  • किसान चाहें तो 1 टन क्षमता वाले टोरेफैक्शन प्लांट को स्थापित करने के लिये भी 28 लाख तक की सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं.

  • टोरेफैक्शन प्लांट लगाने के लिये भी सरकार ने क्षमता के आधार पर अधिकतम 1.4 करोड़ रुपये तक के आर्थिक अनुदान का ऐलान किया है. 


खुलेंगे रोजगार के अवसर
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही इस सब्सिडी योजना के जरिये ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट लगाने पर एक साथ कई समस्यायें हल हो जायेंगी. ये प्लांट लगाकर पराली का समाधान तो निकलेगा ही, साथ ही किसानों को एग्री बिजनेस से जोड़ने और ग्रामीणों के लिये रोजगार के अवसर भी खोलने में खास मदद मिलेगी. वैसे तो ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट एक वन टाइम पायटल प्रॉजेक्ट है, लेकिन अगर इससे अच्छे परिणाम मिलते हैं तो यह कृषि क्षेत्र के मील का पत्थर साबित हो सकती है.


कौन खरीदेगा पैलेट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिक्स पैलेट पावर प्लांट से निकले पैलेट को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC Limited) खरीदने के लिये तैयार है. मीडिया से बातचीत करते हुये एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह बताते हैं कि पैलेट प्लांट लगाने के इच्छुक उद्यमियों को भरोसा दिलाया जा रहा है कि प्लांट से निकले शत-प्रतिशत पैलेट प्लांट को एनटीपीसी खरीदेगा.


फिलहाल पराली के पैलेट की खरीद के लिये टेंडर भी निकले गये हैं, लेकिन कोई किसान या उद्यमी टेंडर से बाहर आकर पैलेट बेचना चाहता है तो नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस काम में किसानों की पूरी मदद करने के लिये तैयार है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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