Rabi Crop: उत्तर भारत में बढ़ा रबी फसलों का रकबा, केंद्र सरकार ने जारी किए आंकड़े
केंद्र सरकार ने रबी फसल की बुवाई के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़े में रबी फसलों की बुवाई अधिक दिखाई गई है. ऐसे में उम्मीद है कि खरीफ फसलों की तरह रबी फसलों का उत्पादन भी देश में भरपूर होगा.
Crop Cultivation: खरीफ की फसल कटकर मंडी पहुंच चुकी हैं. किसान फसल बोने के लिए बाजार से रबी फसल के बीज लेकर आ रहे हैं. कुछ किसानों ने इसकी बुवाई भी शुरू कर दी है. काफी किसान फसल बो भी चुके हैं. उत्तर भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित हरियाणा में रबी फसलों की बुवाई चल रही है. चालू रबी सीजन में 28 अक्टूबर तक सभी फसलों का कुल रकबा 37.75 लाख हेक्टेयर है. यह एक साल पहले की अवधि तक 27.24 लाख हेक्टेयर था. केंद्र सरकार का मानना है कि खरीफ फसलों की पूरी कटाई होते ही रबी फसलों की बुवाई में और अधिक तेजी आ जाएगी.
गेहूं बुवाई का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रबी सीजन में अभी तक केवल 54 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो पाई है. गेंहू रबी की प्रमुख फसल है. इसकी बुवाई हर साल अक्टूबर में कर दी जाती है. मार्च अप्रैल तक अक्टूबर में शुरू होती है और मार्च अप्रैल तक फसल सूखकर तैयार हो जाती है. गेहूं बुवाई का ग्राफ आने वाले दिनों में बेहद तेजी से बढ़ेगा.
यहां इतनी इतनी हुई बुवाई
सरकार ने यह रिकॉर्ड भी जारी किया है कि किस प्रदेश में कितनी कितनी बुवाई हुई है. 25 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश में लगभग 39 हजार हेक्टेयर, उत्तराखंड में 9 हजार हेक्टेयर, राजस्थान में 2 हजार हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 1 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है. एक साल पहले दलहन फसलों की बुवाई का रकबा 5.91 लाख हेक्टेयर था, जो कि इस रबी सीजन में बढ़कर 8.82 लाख हेक्टेयर हो गया है. दलहन में चने की पैदावार भी बढ़ी है.
तिलहनी फसलों की बुवाई 19.96 लाख हेक्टेयर
रिकॉर्ड के अनुसार, देश में तिलहन की बुवाई भी भरपूर हुई है. आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में 6 तरह की तिलहनी फसलों की बुवाई 19.96 लाख हेक्टेयर में की गई है. तिलहनी फसलों का रकबा इस साल काफी बढ़ गया है. यह पिछले साल इसी समय तक 15.13 लाख हेक्टेयर था. सरसों पिछले साल इस समय तक 14.21 लाख हेक्टेयर बोई गई थी, यह बढ़कर 18 लाख हेक्टेयर हो चुकी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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