Central Govt Budget 2023: भारत कृषि प्रधान देश है. देश की बड़ी आबादी खेती बाड़ी से जुड़ी है. उनकी आजीविका का साधन खेती होता है. केंद्र सरकार 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2023 पेश करेगी. केंद्र सरकार भी देश के सभी किसानों के हितों का ध्यान रखती है. इस बजट से भी देश के किसानों को खासी उम्मीदें हैं. वहीं, केंद्र सरकार की भी कोशिश है कि बजट में किसान समेत किसी भी तबके को निराश न करे. 


एमएसपी पॉलिसी में बदलाव कर सकती है सरकार


किसानों के लिए एमएसपी बेहद गंभीर मुददा रहा है. हर बार किसान एमएसपी प्राइस बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से करते रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बार केंद्र सरकार का फोकस एमएसपी पर रह सकता है. केंद्र सरकार एमएसपी में कुछ बदलाव कर सकती है. एमएसपी नीति को किसानों के लिहाज से और बेहतर बनाया जाएगा. 
 
रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी रहेगा फोकस


केंद्र सरकार बजट में रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी फोकस करेगी. इसके लिए अधिक फंड का आवंटन किया जा सकता है. इससे कैमिकल और बायोलॉजिकल स्ट्रीम में बीमारियों और कीटाणुओं पर काबू पाने के लिए काम किया जाएगा. रिसर्च एंड डेवलपमेंट एक्टिविटी में देश में अलग अलग कंपनियों के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. 


कृषि ग्रोथ रह सकती है अच्छी


सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के डेटा सामने आया है. इसके अनुसार, कृषि क्षेत्र में 2020-21 में 3.6 प्रतिशत और 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की ग्रोथ रहेगी. अच्छी बात यह रही है कि कृषि पर कोरोना का उतना प्रभाव नहीं देखने को मिला है. 


फसलों को नुकसान होने से बचाएगी सरकार


किसान को हर साल कीट रोग, आपदा व अन्य कारणों से लाखों रुपये का नुकसान होता है. बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, कीट, खरपतवार फसलों को नुकसान पहुंचा देते हैं. इनसे बचाव के लिए पेस्टीसाइड, इनसेक्टीसाइड, फंगीसाइड और हर्बीसाइड जैसी दवाओं का प्रयोग होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, सालाना फसलों की उपज में 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान हो जाता है. फल, फूल और सब्जियों सभी को इसका नुकसान होता है. केंद्र सरकार इससे निपटने पर भी बजट में जोर देगी. 


कृषि की उत्पादकता बढ़ाने पर भी रहेगा जोर


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि आम बजट के लिए जो प्रस्ताव दिए गए हैं. उनमें फसल सुरक्षा के साथ फल, सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाना भी शामिल है. लेकिन इसके साथ इन्हें कैसे बेहतर किया जाए. इसके सुझाव भी दिए गए हैं. इनमें फसलों पर लगने वाले रोगों पर नियंत्रण पाना शामिल हैं. इसमें सीड टेक्नोलॉजी में जीएस सीड को प्रोत्साहित करना भी शामिल है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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