Pesticide Online Sale: अभी तक किसानों को सही कीटनाशक खरीदने के लिए कई-कई दुकानों के चक्कर काटने पड़ते थे. इस काम में काफी समय और श्रम की बर्बादी हो रही थी, लेकिन अब से ये काम घर बैठे ही हो सकता है. अब किसान Flipkart और Amazon जैसी ई-कॉमर्स साइट्स से भी कीटनाशक ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं. केंद्र सरकार ने इन ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स को कीटनाशक बेचने की अनुमति दे दी हैं, हालांकि कीटनाशक की बिक्री चालू करने से पहले इन कंपनियों को कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. लीगल अप्रूवल के बाद ही किसानों को कीटनाशकों की होम डिलीवरी मिल जाएगी.
कंपनियों को लेना होगा लाइसेंस
देश में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अग्रणी कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजन को कीटनाशक बेचने के लिए कानूनी मंजूरी मिल चुकी है.. नए नियमों के मुताबिक. इन कंपनियों को सरकार ने लाइसेंस लेना होगा, जिसके बाद कुछ नियमों को पालन करते हुए ये कंपनियां कीटनाशक बेच सकती हैं, हालांकि लाइसेंस को वेरिफाई करवाने का जिम्मा खुद ई-कॉमर्स कंपनियों का ही है. केंद्र सरकार के इस कदम का सीधा फायदा किसानों को होगा.
किसानों को सही-सुरक्षित कीटनाशक खरीदने के लिए ना ज्यादा पैसा खर्च करना होगा और ना ही दुकानों के अनावश्यक चक्कर काटने होंगे. बस जल्द आने वाले दिनों में इन कंपनियों के एप्स डाउनलोड करके आवश्यकतानुसार कीटनाशक का ऑनलाइन ऑर्डर देकर होम डिलीवरी से मंगवा सकेंगे. अनुमान है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर कीटनाशक सस्ते पड़ेंगे ही, जिससे कीटनाशकों की मार्केटिंग को लेकर कंपनियों में भी कॉम्पटीशन बढ़ जाएगा. इससे कीटनाशक की उत्पादक कंपनियों को भी नया बाजार मिलेगा.
सरकार भी देगी मुआवजा
इन दिनों जलवायु परिवर्तन का बुरा असर खेती-किसानी पर ही पड़ रहा है. आए दिन मौसम बदलने से फसलें बर्बाद हो रही हैं तो वहीं कुछ इलाकों में कीटों के प्रकोप से भी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. कई इलाकों में तो ये कीट फसल की पत्तियों से लेकर जड़ और उपज कर को खा लेते हैं. पिछले सीजन में सोयाबीन की फसल में कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला था.
कीटों की इस समस्या पर आधारित आंकड़ों से पता चला है कि हर साल करीब हजारों हेक्टेयर फसल कीटों की चपेट में आने से लगभग नष्ट हो जाती है. कई किसानों को खुद ही फसल नष्ट करनी पड़ जाती है. ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से किसानों को मुआवजा भी दिया जाता है. इन दिनों कर्नाटक सरकार ने भी सुपारी की फसल में कीटों से हुए नुकसान को लेकर 10 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया है.
सुपारी में कीट संकट से निपटने के लिए सब्सिडी
इन दिनों क्लाइमेट चेंज का बुरा असर सुपारी की फसल पर भी देखने को मिल रहा है. खबरों की मानें तो कर्नाटक के कई इलाकों में सुपारी की फसल पर मीलीबग्स, स्केल्स और स्पाइडर माइट्स जैसे कई कीट सुपारी की फसल को नुकसान पहुंचा जा रहे हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो ये कीट फसल की पत्तियां और तने का रस चूसकर पौधे को चित्तीदार जैसा बना देते हैं. इनकी समय पर रोकथाम ना की जाए तो पत्तियां पीली होकर झड़ने लगती हैं और पौधा सूख जाता है.
कारणवश सुपरी की पैदावार ही नहीं मिल पाती. कर्नाटक में चिकमगलूर, शिवमोग्गा और मलनाड जिले में भी यही हालात है, जिसकी रोकथाम के लिए कर्नाटक सरकार ने 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है. इस रकम का इस्तेमाल सुपारी की फसल से कीटों का प्रकोप हटाने के लिए किया जाएगा, जिसमें कीटनाशकों का छिड़काव समेत दूसरे उपाय शामिल हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें- किसानों के लिए जरूरी खबर... ऐसे बंधवा लें अपनी पेंशन, हर महीने खाते में आएंगे 3000 रुपये