Maize Demand Increase: गेहूं और चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब केंद्र सरकार मक्का के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोच रही है. स्टार्च के तौर पर और पोल्ट्री के क्षेत्र में मक्का की अच्छी खासी मांग रहती है, लेकिन इन दिनों मक्का की कीमतें 2,150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इन कीमतों में अभी और इजाफा हो सकता है.


बिजनेसलाइन की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मक्का की बढ़ती कीमतों और भारी डिमांड के चलते खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भी लिखा है, जिसमें मक्का के दाम बढ़ने और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में आपूर्ति के ठप होने की बात कही गई है. साथ ही मक्का की घरेली आपूर्ति को पूरा करने के लिए मक्का के निर्यात को कम या प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है. 


आसमान छू रहे मक्का के भाव


ताजा आंकड़ों की मानें तो इन दिनों मक्का की कीमतों के साथ-साथ डिमांड में भी काफी इजाफा हुआ है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले एगमार्ट के आंकड़े बताते हैं कि 1 दिसंबर से 8 दिसंबर तक मक्का का भाव 1,173 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है, जो मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,962 रुपये प्रति क्विंटल से कहीं ज्यादा है. पिछले साल के आंकड़ों को उठाकर देखें तो इस अवधि में मक्का का दाम 1,653.88 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था.


इन क्षेत्रों पर पड़ रहा सीधा असर


जाहिर है कि देश में मक्का की भी अच्छी-खासी खपत है. इधर पोल्ट्री क्षेत्र के विकास-विस्तार के बीच मक्का से बनी फीड की डिमांड काफी ज्यादा है, लेकिन उद्योगों में मक्का की सप्लाई कम होने से जल्द इसके दाम में भी इजाफा देखने को मिल सकता है. इस मामले पर तमिलनाडु एग पोल्ट्री फार्मर्स मार्केटिंग सोसायटी के अध्यक्ष वंगिली सुब्रह्मणियम का कहना है कि हमें नमक्कल में 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदना पड़ रहा है. एक तरफ कीमतें ज्यादा है तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग भी आसमान छू रही है. यहां घरेलू आपूर्ति में परेशानी हो रही है, लेकिन उधर देश के प्रममुख बंदरगाहों पर मक्का की अच्छी-खासी खेप निर्यात हो रही हैं.


इन देशों में भारी डिमांड


अब मक्का की घरेलू आपूर्ति में आ रही परेशानियों के बीच विदेशों में भारतीय मक्का की मांग बढ़ रही है. इस मामले में एग्री कमॉडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि वियतनाम से लेकर श्रीलंका,  इंडोनेशिया और ताइवान से भी मक्का की डिमांड आ रही है. हमसे इसके दाम पूछे जा रहे हैं. अटकलें लगाई जा रही हैं कि नए साल के बाद मक्का की विदेशी मांग में इजाफा हो सकता है, क्योंकि अभी नए साल की तैयारियां चल रही है, जिस वजह से मक्का का स्टॉक होल्ड पर रखा है. कई देशों तक मक्का निर्यात करने में 9 से 10 दिन का भी समय लग जताा है. 


इन राज्यों से हो रहा निर्यात


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुबाला एग्रो कमॉडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मुकेश सिंह बताते हैं कि दक्षिण-पूर्व एशिया में मक्का की डिमांड बढ़ने निर्यात अधिक है. इस समय मक्का का स्टॉक भी 2200 रुपये प्रति क्विंटल पर ही उपलब्ध करवाया जा रहा है, हालांकि कई अंतर्राष्ट्रीय निर्यातक थोक में मक्का खरीद रहे हैं. ये आपूर्ति कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से हो रही है, लेकिन कब तक ये पता नहीं, क्योंकि बारिश के चलते मक्का में नमी बढ़ गई है. वैसे तो इस साल खरीफ सीजन में मक्का की अच्छी पैदावार की उम्मीद है, लेकिन वर्तमान में इसकी मांग, सप्लाई और कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा बड़ा फैसला करने की संभावनाएं प्रबल हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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