PM Fasal Beema Yojana: खरीफ सीजन 2021 के दौरान फसल नुकसान के दावों के कम भुगतान को लेकर महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान के किसान सुर्खियों में बने हुए हैं. इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने न्यूनतम क्लेम की नीति बनाई है, जिसमें किसानों को फसल में हुए नुकसान का कम से कम 1,000 रुपये मुआवजा तो मिलेगा ही. अब राजस्थान के बाड़मेर में किसानों की शिकायतों का समाधान निकालते हुए केंद्र सरकार ने अहम फैसला किया है. कृषि मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक में बाड़मेर जिले के पात्र किसानों को 311 करोड़ रुपये के बजाए 540 करोड़ रुपये के फसल बीमा दावों का क्लेम दिया जाएगा.


जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान का बाड़मेर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का संसदीय क्षेत्र है, जहां पिछले दिनों फसल बीमा के दावों का कम भुगतान मिलने के कारण किसान असंतोष देखने को मिल रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों की फसल में हुए नुकसान का भुगतान खरीफ 2021 से लंबित पड़ा है, जिसे अब कृषि मंत्रालय ने चुकाने के निर्देश दिए हैं.


फसल नुकसान की तुलना में कम था क्लेम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बाड़मेर के किसानों के फसल नुकसान के दावों के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ने 311 करोड़ रुपये का आंशिक भुगतान किया था, लेकिन फसल में हुए नुकसान के मुकाबले यह क्लेम काफी कम था, जिसके कारण किसानों की शिकायतें आने लगीं.


इस मामले पर संज्ञान लेते हुए 11 जनवरी बुधवार को कृषि मंत्रालय में मीटिंग बुलाई गई और फसल नुकसान के क्लेम की रकम को 229 करोड़ रुपये और बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये कर दिया गया. 






खाते में ट्रांसफर होगी क्लेम की रकम
कृषि मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक के बाद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि भविष्य में फसल बीमा के दावों का क्लेम भी मिलाकर राशि का एक मुश्त भुगतान सीधा किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.


इस संबंध में बीमा कंपनी के अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस मीटिंग में बाकी राज्यों से भी महाराष्ट्र की तरह न्यूनतम क्लेम नीति बनाने की भी सलाह दी गई है, ताकि किसानों को फसल में हुए नुकसान का सही भुगतान मिल सके.


छोटे क्लेम के लिए बदलेगी फैसला
फसल बीमा क्लेम को लेकर आयोजित की गई इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है, हालांकि फसल बीमा के भुगतान में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है, ताकि किसानों को दिक्कत ना हो. छोटे भुगतान को लेकर बीमा कंपनियों और राज्य सरकारों से चर्चा करके केंद्र सरकार जल्द ही अगला कदम उठाएगी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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