Big Change: पंजाब के इस गांव की देशभर में हुई वाहवाही! पराली जलाने का एक भी मामला नहीं, ऐसे हुआ कमाल
Stubble Management: पंजाब के चकमाफी गांव को राज्य के पहले जीरो स्टबल बर्निंग विलेज का नाम दिया जा रहा है. यहां किसानों ने पराली जलाने के बजाय इसका इन सीटू-एक्स सीटू मैनेजमेंट किया है.
Zero Stubble Burning Village: भारत में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनायें पंजाब राज्य से सामने आ रही हैं, हालांकि पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़ा काफी कम है. फिलहाल रुझान ये है कि छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों में वायु प्रदूषण से लोगों का दमघुटता जा रहा है. कानूनी कार्रवाई, जुर्माना, सब्सिडी और यहां तक कि आर्थिक सहायता के बावजूद रोजाना पराली जलाने की घटनायें और इससे वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. बेशक पंजाब राज्य से पराली जलाने के मामले ज्यादा हैं, लेकिन यहां का एक गांव आज पूरे देश के लिये मिसाल बन गया है. पंजाब के चकमाफी गांव से पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है, बल्कि यहां पराली प्रबंधन के लिए एक्सपर्ट्स की सलाहनुसार उन्नत तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है.
जीरो स्टबल बर्निंग विलेज
पंजाब का चकमाफी गांव आज राज्य के पहला जीरो स्टबल बर्निंग विलेज बन चुका है. इसका पूरा श्रेय जाता है यहां के जागरुक किसानों को, जो पराली जलाने जैसे गैर कानूनी कामों से हटकर इन सीटू मैनेजमेंट और एक्स सीटू मैनेजमेंट तकनीक अपना रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो इस गांव के किसान 60 प्रतिशत पराली प्रबंधन एक्स-सीटू मैनेजमेंट के जरिये और बाकी 40 प्रतिशत पराली को इन-सीटू मैनेजमेंट के साथ निपटाया जा रहा है. चकमाफी के किसानों ने पराली प्रबंधन के लिए चार चरणों में काम किया है और पराली को निपटाने के लिए कंबाइन मशीन से लेकर, मल्चर, अंबी हल, रोटावेटर जैसी उन्नत मशीनरियों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
पराली ना जलाने और इसके दूसरे कारगर उपायों को लेकर कृषि विशेषज्ञ और अधिकारी भी लगातार किसानों के बीच जागरुकता बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं, कई राज्य सरकारें अब अच्छा काम करने के लिए किसानों को पुरस्कार भी दे रही हैं. पराली जलाने के बजाय उन्नत तरीके अपनाने पर किसानों को प्रोत्साहन मिल रहा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो किसानों को पराली प्रबंधन के लिए इन सीटू-एक्स सीटू मैनेजमेंट के लिए काम करना चाहिए. इससे किसानों को ही फायदा होगा. पराली बेचकर अच्छी आमदनी होगी और प्रदूषण भी कम होगा. इसी के साथ, धान की फसल के बाद कम अवधि वाली फसल या बागवानी फसलों की खेती करनी चाहिये, जिससे मिट्टी की उर्वरता में संतुलन बना रहे.
क्या हैं पंजाब हालात
पंजाब में पराली जलाने के मामले कम नहीं हुये हैं. किसानों पर कार्रवाई करते हुए करीब 5 लाख 2,500 रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है. पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले बठिंडा से सामने आये हैं. आज एक प्रेस वार्ता में पंजाब के सीएम भगवान मान ने अगले साल तक 40 हेक्टयेर भूमि को पराली जलाने से मुक्त करना का दावा किया है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान पराली नहीं जलाना चाहते, लेकिन दो फसलों के बीच कम समय होने के कारण कोई विकल्प नहीं रहता. दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री ने अगले साल तक पराली जलाने की घटनाओं को कम करने का आश्वासन दिया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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