Paddy Procurement: किसानों के खाते में पहुंचे 281.06 करोड़ रुपये, MSP के लिए इस राज्य के 2.03 लाख नए किसान हुए रजिस्टर
Dhaan Ki Khareed: छत्तीसगढ़ में एमएसपी पर धान की खरीद को और भी ज्यादा आसान बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा ऑनलाइन टॉकन की सुविधा भी दी जा रही है. इससे किसानों को लंबी कतारों से मुक्ति मिली है.
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Paddy Procurement in Chhattisgarh: छत्तसीगढ़ में 1 नवंबर से धान की खरीद का महाभियान शुरू हो चुका है. राज्य ने इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. वहीं अब तक करीब 25.93 लाख किसानों ने एमएसपी पर धान बेचने के लिए पंजीकरण करवाया है, जिसमें 2.03 लाख नए किसान भी शामिल हैं. पिछले दो दिनों में राज्य ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 हजार 158 मीट्रिक टन धान खरीदा है, जिसके लिए किसानों के बैंक खातों में 281.06 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
छत्तीसगढ़ में एमएसपी पर धान की खरीद को और भी ज्यादा आसान बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण (MSP Registration) के अलावा ऑनलाइन टॉकन की सुविधा भी दी जा रही है. इससे किसानों को लंबी कतारों से मुक्ति मिली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'टोकन तुंहार हाथ' मोबाइल एप्लीकेशन से 505 टोकन जारी किए जा चुके हैं. वहीं धान बेचने के लिए किसानों को 6504 ऑफलाइन टोकन भी जारी हुए हैं.
110 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग 110 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन का लक्ष्य रखा है. राज्य में एमएसपी पर धान की खरीद के लिए करीब 2497 उपार्जन केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सामान्य धान को 2040 रुपये और ग्रेड-ए धान को 2060 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी (Paddy MSP) दर से खरीदा जा रहा है. किसानों से धान खरीदने के लिए सभी समितियों में बारदाने की व्यवस्था भी कर ली गई है. वहीं राज्य में धान का अवैध परिवहन रोकने के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं. किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. साथ ही मंडियों की लगातार मॉनिटरिंग भी चल रही है.
धान की तरफ लौटे किसान
पारंपरिक फसलों मे बढ़ते जोखिमों को देख कई किसानों ने धान की खेती से मुंह मोड़ लिया था, लेकिन एमएसपी पर धान की खरीद के दौरान जारी आंकड़े तो कुछ और ही जाहिर कर रहे हैं. वैसे तो छत्तीसगढ़ को पहले से ही 'धान का कटोरा' यानी धान के सबसे बड़े उत्पादन का खिताब प्राप्त है. इसके बावजूद राज्य में धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. यहां पुराने किसानों ने तो धान की तरफ वापसी की ही है, साथ ही नये किसान भी धान की खेती में रुचि ले रहे हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी और जलवायु के अनुरूप किसान धान की वैज्ञानिक खेती और जैविक धान की खेती (Organic Farming of Paddy) भी करते हैं.
इस योजना से हुआ कमाल
खरीफ फसलों की उत्पादकता के साथ-साथ फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना चलाई है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को धान की खेती के लिए 9 हजार रूपये प्रति एकड़ और धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती के लिए 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. पिछले तीन साल में छत्तीसगढ़ के किसानों को 16 हजार 415 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है. वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को कुल 6980 करोड़ रुपये सब्सिडी (Subsidy for Paddy) के रूप में देने की योजना है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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