Rabi Crops insurance: खेती-किसानी एक अनिश्चितताओं से भरा काम है. कभी मौसम बदलने पर फसल में नुकसान का खतरा रहता है तो कभी कीट-रोगों की वजह से उत्पादन घटने लगता है. इन सभी समस्याओं के चलते किसानों को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है. यही वजह है कि कई सालों से किसानों को लगातार फसल का बीमा करवाने के लिए ​जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना नाम से एक योजना भी बनाई है, जो रबी, खरीफ और बागवानी फसलों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है. इस स्कीम के तहत किसान को एक निश्चित ब्याज का भुगतान करना होगा, जो ना के बराबर ही होता है. अब यदि बीमित फसल में प्राकृतिक आपदओं या मौसम जनित बदलावों से नुकसान हो भी जाए तो केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आंशिक भरपाई करती है.


पहले इस योजना में सब्जी फसलों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में मौसम जनित चिंताओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना चलाई है, जिसके तहत सब्जी फसलों के लिए भी किसानों को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी. राज्य में फसल का बीमा करवाने की आखिरी तारीख 15 दिसंबर है, इसलिए जल्द से जल्द किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें.


इन फसलों का करवाएं बीमा
पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन की सिंचित गेहूं, असिंचित गेहूं, गन्ना, सरसों, अलसी जैसी फसलों को शामिल किया गया है. इन फसलों के अलावा, छत्तीसगढ़ के किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा के तहत आलू, प्याज, टमाटर,  बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज, जैसी सब्जियों का बीमा करवाने की भी सुविधा दी जा रही है. 


कितना ब्याज देना होगा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों के लिए बीमा की कुल राशि का 2% प्रीमियम सीधा बीमा कंपनी को अदा करना होगा, जिसके बदल में यदि बीमित फसल को नुकसान होता है तो बीमा कंपनियों के साथ केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसान को एक निश्चित रकम का भुगतान कर देती है. इस तरह किसान बड़े आर्थिक संकट से बच जाते हैं. 


क्यों जरूरी है फसल बीमा 
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है. यहां देश घरेलू आवश्यकताओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग को भी पूरा किया जाता है. इन दिनों विदेशी भी भारतीय फल, सब्जी, अनाज के मुरीद हो चुके हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर खेती करने के बावजूद फसलों से सही उत्पादन नहीं मिल पाता, फलस्वरूप महंगाई बढ़ जाती है और निर्यात रोकना पड़ता है. ये समस्या प्राकृतिक आपदाओं जैसे- तेज बर्फबारी, बाढ़, आंधी, बारिश, सूखा आदि की वजह से होता है.


इन सभी आपदाओं से फसल को सुरक्षा कवच प्रदान करने और किसानों को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. 13 जनवरी 2016 को पीएमएफबीआई लॉन्च की गई, जिससे अब तक करोड़ों किसानों को आर्थिक संकट से मुक्ति मिली है. इस स्कीम के तहत फसल में नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर किसान की फसल का बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है, जिसके 15 दिन के अंदर बीमा क्लेम किसान के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है.


इस वेबसाइट पर करें आवेदन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए छत्तीसगढ़ में 15 दिसंबर लास्ट डेट है. इस डेडलाइन तक फसल का बीमा करवाने के लिए pmfby.gov.in aicofindia.com पर विजिट कर सकते हैं. किसान चाहें तो अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं. सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत ऑफिशियल वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ और मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किया है, जिसकी मदद से आप घर बैठे अपना रजिस्ट्रेशन करके अपनी फसल का बीमा करवा  सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: किसान ध्यान दें! मंडी-बाजार जाने की चिंता ही खत्म, यहां मिलेंगे उपज के सही दाम, सीधा खाते में ट्रांसफर होगी पेमेंट