Crop Purchase: छत्तीसगढ़ में 110 टन धान खरीदने का लक्ष्य, 24 लाख से ज्यादा किसानों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
Paddy MSP Registration: इस साल राज्य ने 110 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचने के लिए अभी तक 24 लाख 62 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है.
Paddy Purchase in Chhattisgarh: देशभर में खरीफ फसलों की कटाई का काम लगभग निपट चुका है. धान की कटाई का काम भी पूरा हो चुका है और किसान अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. कई राज्यों में धान की खरीद (Paddy Purchase on MSP) का काम भी शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ भी 1 नवंबर से एमएसपी पर किसानों से धान खरीदेगा. छत्तीसगढ़ में पंजीकरण के लिए 31 अक्टूबर तक की डेडलाइन निर्धारित की गई है. इस बीच किसान भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को निपटाने में लगे हुए हैं.
नए किसानों ने बढ़-चढ़कर करवाया रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार द्वारा धान के एमएसपी बढ़ाने के बाद और ज्यादातर किसान अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने में रुचि दिखा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ विपणन सत्र 2022 में अपनी उपज एमएसपी पर बेचने के लिए करीब 60 हजार 878 नये किसानों ने पंजीकरण करवाया है.
किसानों के लिए प्रशासन ने की व्यवस्था
विभिन्न राज्यों में धान बेचने वाले किसानों के लिए प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. छत्तीसगढ़ की तमाम मंडियों में भी किसानों को असुविधा ना हो, इसके लिए राज्य शासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां और व्यवस्था कर दी गई हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि धान की खरीद के साथ मंडियों की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी.
इस बार 24 लाख 62 हजार किसानों ने धान की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं 30.44 लाख हेक्टेयर रखबे को बेचने के लिए पंजीकरण किया गया है. खरीफ विपणन सत्र 2022-23 में एमएसपी धान खरीदने के लिए पिछले साल के मुकाबले इस साल 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है. इतना ही नहीं, धान की खरीद के लिए बाहर जाने की भी व्यवस्था की गई.
नहीं होगी अवैध धान की आवक
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के लिए मंडियों में की गतिविधियां हो गई हैं. तमाम अधिकारी मॉनिटरिंग के काम में जुट गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिल पंजीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका है. धान की अवैध आवक रोकने के लिए मंडियों में तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं. वहीं धान के उपार्जन केंद्रों की पहचान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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