Paddy Marketing in Chhattisgarh: देश के कुछ इलाकों में खरीफ फसलों की कटाई (Kharif Crop Harvesting) का काम शुरू हो चुका है, जिसमें धान की फसल भी शामिल है. बता दें कि ज्यादातर राज्यों में धान खरीद (Paddy Purchasing) की कवायद तेज कर दी गई है. इसी कड़ी में छतीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh government) ने भी धान की खरीद को लेकर तैयारियां तेज कर दी है. इसके लिए राज्य के सभी जिलों के जिला प्रशासन व मंडी अफसरों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिससे मंडियां (Agriculture Market) पहुंचने तक किसानों के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा सकें.
एक नवंबर से खरीदा जाएगा 1.1 करोड़ टन धान
राज्य सरकार के आदेश के बाद लोकल मशीनरी भी हरकत में आ गई है. छतीसगढ़ की बघेल सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीद के निर्देश दिए हैं. धान खरीद का लक्ष्य 1.1 करोड़ टन रखा गया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य में धान का रकबा, किसानों का रजिस्ट्रेशन व अन्य सभी व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए कहा गया है.
30 सितंबर तक होगा सत्यापन का काम
धान की पैदावार (Paddy Production) में लगे किसानों को चिह्नित करने, बोए गए रकबे का सत्यापन करने और क्षेत्रीय स्तर पर गिरदावरी का काम पूरा करने की डेडलाइन 30 सितंबर कर दी गई है. अफसरों को सभी काम डेडलाइन के अंडर में ही करना होगा. वहीं फसलों के परिवहन के लिए 15 अक्टूबर तक परिवहन कार्यकर्ताओं से संपर्क करने के भी निर्देश जारी किये गये हैं.
एक नवंबर से ही किसानों के खाते में आएगा पैसा
इस समय छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीद (Paddy Purchasing in Chhattisgarh) की मॉनिटरिंग खुद मुख्य सचिव अमिताभ जैन कर रहे हैं. उन्होंने समितियों को बारदाने संबंधी व्यवस्थाओं को ठीक प्रकार से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिन समितियों में धान ज्यादा आएगा, वहां बारदाना सप्लाई दुरस्त की जाएगी. बता दें कि किसानों से खरीदे जाने वाले धान के लिए एक नवम्बर से राशि (Payment of Paddy) का भुगतान किसानों के खाते में किया जायेगा.
आदेशानुसार, रोजाना इस काम की एक रिपोर्ट भी बनाई जाएगी. इस बीच यदि किसी जिले में लापरवाही बरती गई तो वहां कार्रवाई भी की जायेगी. उधर हरियाणा में भी एमएसपी पर धान खरीद (Paddy in Haryana) पर मंथन लगातार जारी है. हरियाणा में अन्य फसलों के लिए एमएसपी पर खरीद (MSP 2022) की तारीख जारी कर दी है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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