Godhan Nyay Yojana: किसान और महिला समूहों के लिए बड़ी खुशखबरी! इस सरकार ने खाते में भेजे 8 करोड़ 25 लाख रुपये, पढ़ें डीटेल
Kisan Yojana: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के हितग्रागियों को गौठानों से 15-31 जनवरी तक खरीदे गए गोबर की एवज में 8 करोड़ 23 लाख रुपये की ऑनलाइन राशि अंतरित की है.
Krishi Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना की 61वीं किस्त के तौर पर 8 करोड़ 23 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन जारी कर दी है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में गोठानों से 15 से 31 जनवरी तक 2.38 लाख क्विंटल गोबर की एवज में 4.76 करोड़ रुपये, गौठान समितियों को 2.04 करोड़ रुपये और महिला समूहों को 1.43 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया. इस लाभांश में 1.98 करोड़ की राशि का भुगतान कृषि विभाग और 2.78 करोड़ रुपये का पेमेंट स्वावलंबी गौठानों की ओर से किया गया.
जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में 10,743 गोठानों को स्वीकृति मिली है, जिसमें से 90 प्रतिशत यानी 9.671 गोठान बनकर तैयार हो गए हैं. 886 गोठानों का काम जारी है. पिछले 6 महीने में 1000 गोठानों का निर्माण हुआ है. 31 जनवरी 2023 तक राज्य ने 103.25 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की जा चुकी है, जिसके लिए लाभार्थियों को 206.49 करोड़ का भुगतान हुआ है.
56% अधिक गोबर की खरीद
पिछले साल 16 जनवरी से 31 जनवरी 2022 के दौरान सरकार ने 1.53 लाख क्विंटल गोबर खरीदा था, जिसके लिए 3.05 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण लाभार्थी किसानों को किया गया था. गोबर की खरीद का यह आंकड़ा इस साल 56 प्रतिशत की ग्रोथ पर है. राज्य ने 31 जनवरी 2023 तक 2.38 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की एवज में 4.76 करोड़ की राशि का भुगतान किया है.
- इस राशि में 15 से 31 जनवरी तक गौठानों में क्रय किए गए 2.38 लाख क्विंटल गोबर के एवज में ₹4.76 करोड़, गौठान समितियों को ₹2.04 करोड़ एवं महिला समूहों को ₹1.43 करोड़ की लाभांश राशि शामिल है।#Godhannyay
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 6, 2023
लाभार्थी पशुपालकों की संख्या में बढ़ोत्तरी
छत्तीसगढ़ के पशुपालक और किसानों के लिए गोधन न्याय योजना वरदान साबित हुई है. आंकड़े बताते हैं कि 31 जनवरी 2022 तक गोबर विक्रेताओं की संख्या 2 लाख 4 हजार 34 थी, जबकि एक साल की अवधि में 31 जनवरी 2023 तक यह संख्या 59 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 3 लाख 23 हजार 983 पर पहुंच गई है.
स्वावलंबी हुए गोठान
गोधन न्याय योजना की राशि अंतरण कार्यक्रम में बताया गया कि राज्य में 4,927 गोठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो कुल गोठानों की संख्या के 51 प्रतिशत है यानी अब गोठानों का अंश ज्यादा है. गोबर की खरीद के लिए कुल 40.49 करोड़ का भुगतान गोठान समितियों ने जारी किया है.
वर्मी कंपोस्ट से हुआ मुनाफा
गोठानों से गोबर खरीदकर 31 जनवरी 2023 तक 17 लाख 55 हजार 9 रुपये की वर्मी कंपोस्ट बेची जा चुकी है. यह कंपोस्ट कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग, फसल ऋण, नगरीय प्रशासन और अन्य लोगों ने खरीदी है. गोठानों से जुड़े स्वयं सहायता समूह अब वर्मी खाद उत्पादन, गोमूत्र से कीटनाशक, पेंट उत्पादन, समुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन, गोबर-दीया-गमला-अगबत्ती और अन्य उत्पाद बनाकर अच्छी आय ले रहे हैं.
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