Rabi Crops in Chhattisgarh: देशभर में धान की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है और रबी फसलों की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसी बीच छत्तीसगढ़ में भी किसानों ने रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू कर दिया है. एक अनुमान के मुताबिक, इस साल रबी फसलों का रकबा 5 फीसदी तक बढ़ाने की योजना है. इसके लिए कृषि विभाग ने भी पूरा प्लान तैयार कर लिया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो छत्तीसगढ़ कृषि विभाग ने इस साल 19 लाख 25 लाख हेक्टेयर रकबा रबी फसलों से कवर करने का फैसला किया है. ये आंकड़ा पिछले साल 18 लाख 30 हजार हेक्टेयर तक ही सीमित था. वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गौठानों में गोबर-गौमूत्र से बने ब्रम्हास्त्र, जीवामृत, कंपोस्ट आदि का खेती में इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं.
19.25 लाख हेक्टेयर में होगी रबी फसलों की खेती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रबी सीजन 2022-23 में छत्तीसगढ़ का 19.25 लाख हेक्टेयर रकबा कवर किया जाएगा. इसमें 4.36 लाख हेक्टेयर में अनाज, 8.65 लाख हेक्टेयर में दलहन, 3.77 लाख हेक्टेयर में तिलहन और 1.97 लाख हेक्टेयर में दूसरी फसलों की बुवाई की जाएगी. ताजा आंकड़ों के मुकाबिक, राज्य में अभी तक 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है.
कृषि विभाग के मुताबिक, इस रबी सीजन (Rabi Season 2022-23) में गेहूं का रकबा 70 हजार हेक्टेयर बढ़ा दिया गया है. इस साल करीब 2 लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य है. मक्का की खेती के लिए भी 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर, जौ-ज्वार और दूसरी फसलों से भी 16 हजार हेक्टेयर रकबा कवर होने का अनुमान है.
नहीं होगी धान की खेती
छत्तीसगढ़ कृषि विभाग ने ग्रीष्मकालीन धान के रकबे का लक्ष्य जीरो कर दिया है यानी राज्य में अब धान की खेती के बजाय दूसरी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. कृषि विभाग ने रबी सीजन 2022-23 के लिए निर्धारित फसल बुआई कार्यक्रम के तहत धान की जगह गेहूं, चना, मटर समेत दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछले साल रबी सीजन में ग्रीष्मकालीन धान का रकबा 2 लाख 22 हजार 170 हेक्टेयर था.
दाल-गेहूं पर फोकस
छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की खेती के बजाय गेहूं और दलहन का उत्पादन (Pulses Production) बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, क्योंकि गर्मी जलवायु में गेहूं और दालों से बेहतर उत्पादन मिल सकता है. वहीं दलहन और तिलहनी की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई योजनायें चला रही है. इसी के साथ-साथ कृषि उत्पादन आयुक्त ने राज्य में पाम की खेती और सिंचित इलाकों में गेहूं की खेती को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए हैं. इससे किसानों को कम मेहनत और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने में खास मदद मिलेगी. कृषि विभाग के मुताबिक, रबी सीजन 2022-23 के लिए दलहनी फसलों के रकबा 74 हजार 140 हेक्टेयर बढ़ाकर 8 लाख 65 हजार हेक्टेयर निर्धारित कर दिया है, जबकि पिछले साल 7 लाख 90 हजार 860 हेक्टेयर में ही दलहन की खेती हुई थी.
बढ़ेगा रबी फसलों का उत्पादन
इस साल पूरा देश मौसम की मार से प्रभावित रहा. कहीं तेज बारिश से फसलें बह गईं तो कहीं सूखा के कारण बुवाई नहीं हो पाई. इन रुझानों के बीच छत्तीसगढ़ में इस साल बारिश काफी अच्छी हुई है, जिससे खेतों में नमी बरकरार है. इसका फायदा रबी फसलों की खेती में किसानों को ही मिलेगा, इसलिये किसानों को भी वही फसलें लगानी चाहिए, जिसकी बाजार में मांग और कीमत अधिक मिले.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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