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Fish farming: अमेरिका से लेकर बांग्लादेश तक खूब डिमांड में है ये वाली मछली, कम देखभाल में भी 4 लाख तक मुनाफा देगी

Chitala Fish:अगर ठीक तरह से चीतल मछली की देखभाल की जाये तो इसका वजन 2.5 किलो तक हो जाता है, जिसके चलते एक तालाब से 1000 से 2000 किलो तक चीतल का उत्पादन ले सकते हैं.

Chital Fish Farming: किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिये उन्हें खेती के साथ-साथ पशुपालन(Animal Husbandry), मुर्गी पालन (Poultry Farming) और मछली पालन (Fish Farming) जैसे व्यवसायों से जोड़ा जा रहा है. इस बीच पशुपालन और मुर्गी पालन तो कई सदियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग रहा है, लेकिन मछली पालन (Fish Farming in India) सिर्फ नदियों, तालाबों और समुद्र तक ही सीमित रहा. वहीं आधुनिकता के दौर में प्रवेश करते हुये किसानों ने मछली पालन को भी व्यवसाय (Fish Farming Business) बना लिया है.

चाहे कृतिम तालाब बनाकर मछली पालन करना हो या फिर कम लागत में हेचरी लगाकर जलीय जीवों को पालना हो. आज किसानों, ग्रामीणों और आदिवासियों ने इस क्षेत्र में खास सफलता हासिल कर ली है. इस काम में मछलियों की कुछ खास किस्में (Top Fish Varieties) भी किसानों को खूब मुनाफा दिला रही है. ऐसी ही शानदार किस्मों में शामिल है चीतल मछली(Chital Fish Farming), जो एक दुर्लभ प्रजाति है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी काफी डिमांड रहती है. किसान और मछली पालक चाहें तो चीतल मछली पालकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

चीतल मछली पालन
चीतल मछली को दुर्लभ प्रजाति की मछली भी कहते हैं, जो सिर्फ अमेरिका, बांगला देश और भारत की ब्रह्मपुत्र नदी में भी पाई जाती है. इसे तालाब और हेचरी में पालना और भी आसान है, क्योंकि ये मीठे पानी में रहना ज्यादा पसंद करती है. यह मछली ज्यादातर तालाब और नदियों की तली या जमीन से जुडी होती है और वहीं झींगा, घोंघे का सेवन करती है. इस मछली में भरपूर पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसके कारण दुनियाभर में इसकी डिमांड बनी रहती है. 

मछली तालाब तैयार करें
चीतल मछली का पालन करने के लिए सामान्य मौसम सबसे उपयुक्त रहता है। भारत में अप्रैल से लेकर मई के महीने में चीतल मछली का तालाब तैयार किया जाता है. 

  • किसान चाहें तो एक एकड़ खेत में तालाब की खोदकर भी चीतल मछली पालन कर सकते हैं. 
  • बता दें कि चीतल मछली का तालाब तैयार करते समय गाय या भैंस का गोबर, 400 किलो मुर्गियों की खाद और 50 किलो चूना भी डालना चाहिये.
  • जाहिर है कि चीतल मछली तालाब की तलहटी में ही रहती है, इसलिये तालाब में 3 फीट से कम और 4 फिट तक पानी काफी रहता है.

इस तरह पालें चीतल मछली
चीतल मछली अपने गुजर-बसर के लिये झींगा और घोंघे जैसे जीवों का सेवन करती है. यह एक मांसाहारी मछली है, इसलिये तालाब में मछलियां डालने के दो महीने पहले 3 से 5 हजार तिलपिया मछली के बीज डालने की सलाह दी जाती है, ताकि ये चीतल मछली का भोजन बन सकें. इसके अलावा समय-समय पर मछली विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा करके भी इसकी देखभाल कर सकते हैं, जिससे क्वालिटी उत्पादन लेने में खास मदद मिलेगी.  

चीतल मछली से आमदनी
अगर ठीक तरह से चीतल मछली की देखभाल (Chital Fish Farming) की जाये तो इसका वजन 2.5 किलो तक हो जाता है, जिसके चलते एक तालाब से 1000 से 2000 किलो तक चीतल का उत्पादन ले सकते हैं.जानकारी के लिये बता दें कि देश या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीतल मछली की अच्छी-खासी डिमांड (Chital Fish Demand) होती है, जिसके कारण ये काफी अच्छी कीमतों पर बिक जाती है. भारत में इसकी कीमत 250 रुपये से 400 रुपये किलो तक होती है. वहीं विदेशों में यह मछली 900 से 2000 तक की कीमत (Chital Fish Price) पर बेची जाती है, जो किसानों के लिये लाखों की आमदनी का जरिया बन सकती है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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