Stubble Burning: पराली से एक बार फिर सांसों पर संकट गहरा गया है. एयर पॉल्यूशन लोगों का दम घोंट रहा है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों का भी बुरा हाल है. पराली से निपटने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें कदम उठा रही हैं. पराली से निपटने के लिए राज्यों को सब्सिडी पर मशीनें उपलब्ध करा दी गई है. केंद्र की ओर से पूसा डीकंपोजर भी राज्य सरकारों को दिया जा रहा है. राज्य सरकार भी अपने स्तर से पराली निस्तारण की कार्रवाई कर रहे हैं. हरियाणा सरकार ने पराली को एमएसपी पर पराली खरीदने की कवायद शुरू कर दी है. 


MSP पर पराली खरीदने के लिए कमेटी गठित


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के एक कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि राज्य सरकार पराली मैनेजमेंट के लिए MSP पर पराली खरीदने की प्लानिंग कर रही है. इसके लिए अधिकारियों की कमेटी का गठन कर दिया गया है. कमेटी की ओर से जो सुझाव मिलेंगे. उसी आधार पर पराली निस्तारण को लेकर कवायद की जाएगी. एमएसपी तय की जाएगी.


80 हजार सुपर सीडर किसानों को दिए


पर्यावरण को सुरक्षित बनाने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को अवेयर भी कर रही है. इसके लिए किसानों को 80 हजार सुपर सीडर जैसे एग्रीकल्चर उपकरण भी दिए गए हैं. किसान खेतों में पराली न जलाएं. इसके लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. हरियाणा में पिछले साल के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. राज्य सरकार की कोशिश पराली जलाने की घटनाओं पर शून्य पर लाना है. इससे दूषित हो रहा पर्यावरण बेहतर हो सकेगा. 


2500 करोड़ रुपये का हुआ मछली उत्पादन


राज्य में हरित क्रांति के अलावा नीली क्रांति पर भी जोर दिया जा रहा है. नीली क्रांति से अर्थ मतस्य यानि मछली उत्पादन से है. राज्य में एक हजार किसानों ने झींगा मछली उत्पादन का व्यवसाय कर रहे हैं. 2500 करोड़ रुपए में मछली उत्पादन किया जा रहा है. मछली उत्पादन के लिए महिलाओं को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. बागवानी और सब्जी उत्पादन भी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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