Cooperative Societies In India: कृषि, दुग्ध उत्पादन समेत अन्य सेक्टर में भारत लगातार ग्रोथ कर रहा है. केंद्र सरकार भी किसान, कारोबारी समेत सभी वर्ग की आर्थिक तौर पर मदद करती है. पंजीकृत सहकारी समितियां भी देश के विकास की दिशा में काम कर रही हैं. निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए ये समितियां बड़ी कमाई का जरिया भी हैं. उन्हें आर्थिक तौर पर मदद करती है. इनका मजबूत जाल पूरे देश में फैला हुआ हैं, जहां ग्रामीण अंचले से लेकर शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई सेक्टर में काम कर रही हैं. अब केंद्र सरकार ने कदम उठाया है.
रिकॉर्ड में ये है सहकारी समितियों की स्थिति
देश में पंजीकृत सहकारी समितियों का दायरा कितना बड़ा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश में पंजीकृत सहकारी समितियों की संख्या 8.54 लाख है. इनमें 29 करोड़ से अधिक सदस्य हैं. अच्छी बात ये है कि देश के ग्रामीण परिवेश में रहने वाला सीमांत और निम्न आयु वर्ग इनसे जुड़ा हुआ है. ये वर्ग आर्थिक रूप से भी उन्नत हो रहा है.
इन क्षेत्रों में है भागीदारी
सहकारी समितियां की मदद से भारत के कई सेक्टर मजबूत भी हो रहे हैं. कुछ सेक्टरों पर गौर करें तो उर्वरक उत्पादन में सहकारी समितियां देश की अर्थव्यवस्था में 28.80 प्रतिशत, उर्वरक वितरण में 35 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 30.60 फ़ीसदी और दूध के अतिरिक्त बिक्री की खरीद में 17.50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखती हैं.
अब पीएम मोदी ने लिया ये निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्र स्तरीय बहु-राज्य सहकारी निर्यात समिति की स्थापना एवं संवर्धन के अनुमोदन के लिए निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद सहायता सेवाएं संबंधित मंत्रालय सरकारी दृष्टिकोण का पालन करते हुए अपनी निर्यात संबंधी नीति, योजना, एजेंसी को दी जाएंगी.
ये होंगे निर्यात समिति के फायदे
बहु राज्य सहकारी समिति निर्यात के सभी वर्गां को ध्यान में रखकर काम करेगी. इसका पूरा जोर सहकारी क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने पर होगा. समिति भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न निर्यात संबंधी योजनाओं और नीतियों का की जानकारी लेगी. उसी के अनुसार, सरकार का सहयोग लेकर सहकारी समितियों की मदद करेगी. इससे कृषि और गैर कृषि कारोबारी भी लाभ ले सकेंगे.
पूरे देश में होगा कार्यक्षेत्र
देश में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) चार प्रमुख सहकारी समितियां हैं. इन्होंने निर्यात के लिए प्रत्येक को 100 करोड़ रुपये की मदद करने और राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति की स्थापना के लिए प्रमोटर सदस्य बनाने का निर्णय लिया है. इसका विस्तार पूरे देश में होगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.