COP 28 Meeting: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रदूषण के चलते परेशान है. दुनिया भर के तमाम देश जल वायु परिवर्तन की चपेट में हैं. जिसे लेकर मंथन भी लगातार किया जाता है. अब एक बार फिर इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मंथन किया जा रहा है. जिसे लेकर सीओपी का आयोजन दुबई में होगा. सीओपी का मतलब पार्टियों का सम्मेलन (Conference of the Parties) है. ये बैठक सालाना होती है. अभी तक कुल 27 बैठकें हो चुकी हैं. अब 28 वीं बैठक होगी.


संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश जलवायु परिवर्तन से निपटने में कारगर तरीकों का आकलन करने व यूएनएफसीसीसी के दिशा-निर्देशों के तहत जलवायु कार्रवाई की योजना बनाने के लिए सीओपी का आयोजन करते हैं.
इसका नाम जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन या संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दलों का कॉन्फ्रेंस है. प्रथम COP का आयोजन साल 1995 में बर्लिन में किया गया था. पिछले वर्ष इसका आयोजन मिस्र में हुआ था. अभी तक COP की कुल 27 बैठकें हो चुकी हैं.


दुबई में COP28 30 नवंबर से प्रारम्भ हो जाएगी और 12 दिसंबर तक चलेगी. प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की मेज़बानी एक अलग देश करता है.मेज़बान देश की ओर से एक अध्यक्ष भी नियुक्ति किया जाता है, जिसका काम जलवायु वार्ता का नेतृत्व करते हुए समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना होता है. इस बार संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉक्टर सुल्तान अल-जबर COP28 वार्ता की अध्यक्षता करते नजर आएंगे.


इन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस


संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार की बैठक में साल 2030 से पूर्व ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाना और उत्सर्जन में कटौती करना. पुराने वादों को पूरा करके और एक नए समझौते के लिए रूपरेखा तैयार करना जलवायु क्षेत्र में सुधार. प्रकृति, लोगों, जीवन व आजीविका को जलवायु कार्रवाई के केन्द्र में रखना. अभी तक के सबसे समावेशी कॉप के संगठन पर फोकस रहेगा.  


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