Animal Farming Business: पशुओं की स्वदेशी प्रजातियों को पहचान दिलाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से कवायद जारी है. अब केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है. केंद्र सरकार जिस जमीनी कार्रवाई में जुटी है. यदि वो कवायद रंग लाई तो देशी प्रजातियों को सरंक्षित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा. भारत सरकार ने इसको लेकर ग्राउंड लेवल पर भी होमवर्क करना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत में बड़ी संख्या में पशुपालक रहते हैं. लाखों संख्या में पशुपालकों की आजीविका पशुओं के पालन पर ही निर्भर करती है. पशुओं के दूध, गोबर से खाद बनाकर किसान अच्छी कमाई कर लेते हैं. पशुपालकों की आय बढ़े और देसी प्रजातियां संरक्षित हों. इसी दिशा में यह कदम है.
देसी पशुओं की नस्लों की पहचान को अभियान शुरू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि स्वदेशी पशुओं की प्रजातियों को वर्गीकृत किए जाने की जरूरत है. इससे उन्हें अलग पहचान मिलेगी. कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) देश में देसी नस्लों की पशुओं के पहचाजन और उन्हें वर्गीकृत करने के लिए ऐसा ही अभियान शुरू किया है.
आधे से अधिक देसी पशु वर्गीकृत नहीं
देसी पशुओं को हम सामान्य मवेशी मान लेते हैं और उन्हें पहचान दिलाने की कोशिश करते हैं. लेकिन देसी नस्लों के पशु भी देश की संपदा हैं. किसान और पशुपालक इनसे अच्छी कमाई करते हैं. देश में करीब आधे से अधिक पशुओं को वर्गीकृत नहीं किया गया है. यदि इन्हें बचाना है तो अलग वर्गीकृत करना होगा. देसी प्रजातियों को विशेष प्रजातियों की तरह खास पहचान दिलेगी. इससे कृषि क्षेत्र उन्नत होगा और पशुपालक पशुओं का सही उपयोग कर अच्छी इनकम पा सकेंगे.
पशुओं की 28 नस्लें हुईं पंजीकृत
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पशुपालन, मुर्गीपालन में भारत का रुतबा देश में बड़ा है. केंद्र सरकार के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है. हाल में 28 नई पंजीकृत नस्लों के नस्ल पंजीकरण प्रमाणपत्र वितरित किए गए. इनमें मवेशियों की 10, सुअर की पांच, भैंस की 4, बकरी की 3, कुत्ते की 3, भेड की एक़, गधे की एक, बत्तख की एक प्रजाति शामिल की की गई. केंद्र सरकार के इस कदम से इन प्रजातियों को बेहतर तरीके से संरक्षित किया जाएगा. केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 से सभी पंजीकृत नस्लों को राजपत्र में अधिसूचित करना शुरू कर दिया है.
यह भी पढ़ें:- किसानों के लिए खुशखबरी... यहां नई योजना में दिया जाएगा 10000 करोड़ की सब्सिडी और 25 हजार करोड़ का कर्ज