Badri cow Farming: भारत में गाय पालन का चलन बढ़ता जा रहा है. चाहे खेती की लागत को कम करना हो या फिर दूध बेचकर एक्स्ट्रा इनकम लेनी हो. इन सभी कामों में गाय काफी उपयोगी साबित हो रही है. देसी गाय का दूध और घी भी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. वैसे तो देसी नस्ल की सभी गायों की अपनी-अपनी खास बात है, लेकिन आज हम बात करेंगे उस देसी गाय की, जिसे पहाड़ों की कामधेनु का दर्ज दिया गया है. इस गाय के दूध में साधारण गाय के दूध से ज्यादा पोषण है. तभी तो इस गाय के दूध से बना घी बाजार में 5,500 रुपये किलो के भाव बिक रहा है. हम बात कर रहे हैं बद्री गाय के बारे में, जिसे छोटे किसानों की मसीहा भी कहते हैं. 


कितना दूध देती है बद्री गाय


'बद्री' गाय की एक देसी नस्ल है, जो उत्तराखंड में पाई जाती है. वैसे तो बाकी गायों की तुलना में बद्री गाय सिर्फ 3 से 4 लीटर ही दूध देती है, लेकिन इसके दूध से बना घी 5,500 रुपये किलो के भाव बिक रहा है यानी साधारण गाय के घी से 5 गुना ज्यादा कीमत पर.


इस गाय से दूध उत्पादन कम ही मिलता है, इसलिए अब लोग इसे रखना पंसद नहीं करते. डेयरी के व्यावसायीकरण के बाद बद्री गाय तो जैसे विलुप्त होती जा रही है, लेकिन कई डेयरी फार्म्स ने बद्री गाय के दूध की मात्रा को नहीं, गुणवत्ता को समझा है और इसके संरक्षण-संवर्धन का काम कर रहे हैं.


क्यों महंगा है बद्री गाय का घी


बद्री गाय को पहाड़ी या सर्द इलाकों के लिए सबसे अनुकूल माना गाया है.कई रिसर्च से साबित हुआ है कि बद्री गाय का दूध बिल्कुल मिलावटी नहीं है. इसक दूध में 8.4 फीसदी फैट मौजूद होता है, जो किसी भी गाय और भैंस के दूध की तुलना में कहीं ज्यादा है.


बद्री गाय के दूध में टोटल सॉलिड 9.02 फीसदी और क्रूड प्रोटीन 3.26 प्रतिशत मिलता है. बद्री गाय का दूध ए-2 प्रोटीन से भरपूर तो है ही, साथ ही कई साधारण पोषक तत्व भी इसमें मौजूद होते हैं. तभी तो इसके दूध से लेकर छाछ, मक्खन और घी लगभग सभी मिल्क प्रोडक्ट्स महंगे होते हैं.


विलुप्त हो रही बद्री गाय


देश में दूध-डेयरी के काम को अब बिजनेस की तरह देखा जाता है. डेयरी किसानों को फोकस उन नस्लों पर ज्यादा है, जो अधिक मात्रा में दूध देती हैं. इसी के विपरीत बद्री गाय के दूध की क्वालिटी तो अच्छी है, लेकिन दिनभर में इससे 4 किलोग्राम तक ही दूध मिलता है, इसलिए इनकी संख्या सिमट कर सैंकड़ों में ही रह गई है.


इस गाय के संरक्षण के लिए उत्‍तराखंड के चंपावत के नरियाल गांव के पशुपालन प्रजनन केंद्र में काम चल रहा है. बद्री गाय अब धीरे-धीरे यहां के स्थानीय लोगों की आय का जरिया बनती जा रही है. 


लोकदेवलता को चढ़ता है बद्री गाय का दूध


बद्री गाय एक बेहद कम लागत वाली गौवंशीय प्रजाति है, जो हिमालय के बुग्याल में चरकर ही दूध देती है. ऐसा माना जाता है कि बुग्यालों में पोषण की खान है. तभी तो बद्री गाय के दूध में मिलावट नहीं, सिर्फ पोषण होता है. इस गाय दूध इतना पवित्र है कि यहां के लोकदेवता को इसका दूध अर्पित किया जाता है.


लोग कहते हैं कि असली गौदान सिर्फ बद्री गाय का ही माना जाता है. आज कई ऑनलाइन कंपनियां बद्री गाय का घी बेचकर इसका असतित्व बचाने की कोशिश में लगी हैं. उत्तराखंड डेयरी विभाग और यूकेसीडीपी भी बद्री गाय के संरक्षण में लगातार प्रयासरत है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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