Lumpy Virus: लंपी ने देश भर में कहर बरपाया. लाखों की संख्या में पशु वायरस की चपेट में आए. काफी संख्या में पशुओं की मौत भी हो गई. छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत सभी राज्यों में लंपी वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चलाया. टीकाकरण के बाद लंपी वायरस का अब उतना प्रकोप देश में नहीं रहा है. वहीं, साइंटिस्ट और डॉक्टर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आने वाले दिनों में इस तरह का कोई वायरस फिर आया तो हालात खराब हो सकते हैं. इसी से निपटने के लिए मध्यप्रदेश के हरदा में खास कदम उठाया गया है.
गायों के इलाज के लिए खोल दिया आईसीयू
गायों के इलाज के लिए हरदा में आईसीयू खोला गया है. इसे गौ ICU कक्ष नाम दिया गया है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसका शुभारंभ किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईसीयू में गायों की बीमारी से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. गायों के लिए जीवन रक्षक दवाएं भी काफी मात्रा में हैं. यहां गंभीर रूप से बीमार गायों का ही इलाज किया जाएगा. इसे बनाने में करीब साढ़े सात लाख रुपये की लागत आई है. गायों को गर्मी से राहत देने के लिए एयरकंडीशनर लगाया गया है. यदि सर्दी अधिक है तो रूम हीटर की व्यवस्था भी की गई है. तापमान की वजह से वैक्सीन खराब न हो, इसके लिए एक फ्रिज भी रखा गया है.
नर्मदा नदी से लाकर रेत बिछाई
गायों के लिए आईसीयू बनाने का काम निजी ट्रस्ट ने किया है. गायों को आराम करने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए नर्मदा नदी से लाकर रेत यहां बिछाई गई है. गायों के सींग और खुर में आमतौर पर इन्फेक्शन हो जाता है. इसे हटाने के लिए यहां इंतज़ाम किए गए हैं.
महाराष्ट्र के 3204 गांव में 1.12 लाख पशु हुए स्वस्थ्य
महाराष्ट्र में लंपी वायरस का प्रसार तेजी से हुआ है. 31 अक्टूबर, 2022 तक राज्य के 33 जिलों के कुल 3204 गांवों में इस वायरस का असर देखा गया. प्रभावित गांवों में कुल 1 लाख 72 हजार 528 संक्रमित पशुओं में से 1 लाख 12 हजार 683 पशु इलाज से ठीक हो गए हैं. जो अभी भी बीमार हैं उनका इलाज जारी है. राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 140.97 लाख टीके उपलब्ध कराए गए हैं. अब तक कुल 136.48 लाख पशुओं का निशुल्क टीकाकरण किया जा चुका है. निजी संस्थानों, सहकारी दुग्ध संघों और व्यक्तिगत पशुपालकों के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में लगभग 97.54 प्रतिशत गोवंशों का टीकाकरण हो चुका है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.