Crop Compensation: बाढ़, बारिश और सूखे ने किसानों को बहुत परेशान किया. देश भर के किसानों की करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद कर दी. केंद्र व राज्य सरकार ने भी किसानों की मदद की. उन्हें मुआवजा या फिर बीमित राशि दिलाई गई. छत्तीसगढ़ में सूखा प्रभावित प्रत्येक परिवार के खाते में 3500 रुपये तक भेजे गए. ऐसा ही कदम बिहार सरकार ने उठाया. किसानों के हित में ऐसा ही कदम एक और सरकार ने उठाया है. राज्य सरकार के इस कदम से किसानों की मौज हो गई हैं. 


30 हजार बोनस देगी महाराष्ट्र सरकार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने यह तोहफा सभी किसानों को नहीं दिया है. बल्कि जो किसान धान की खेती कर रहे हैं. उन्हें बोनस धनराशि के रूप में दी गई है. राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर किसान को 15 हजार रुपये देगी. दो हेक्टेयर तक ही धनराशि किसान को मिलेगी. इस तरह करीब 30 हजार रुपये किसान को मिल जाएगी. 


विधानसभा भाषण में महाराष्ट्र सीएम ने लिया निर्णय
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में भाषण के दौरान एलान किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हित में कदम उठाती रही. अब किसानों को 2 हेक्टेयर तक के धान पर 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस दिया जाएगा.  राज्य सरकार की इस मदद से प्रदेश के 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. 


स्टेट गवर्नमेंट के निर्णय से किसान खुश
इस साल पूरे देश में अगस्त और अक्टूबर में तेज बारिश हुई थी. बारिश के कारण महाराष्ट्र में ही काफी किसानों की हजारों हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गई थी. किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे थे. अब सरकार ने किसानों की मदद के लिए अपनी झोली खोली है. राज्य सरकार के इस निर्णय से किसान खुश हैं. उन्होंने निर्णय का समर्थन किया है. किसानों का कहना है कि राज्य सरकार की मदद से सभी किसान आगामी फसलों के बीज आसानी से बाजार से ला सकेंगे. बुवाई में भी कठिनाई नहीं आएगी. 


एक ट्रिलियन डॉलर की होगी राज्य की अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाना चाहते हैं. उन्होंने भाषण के दौरान ही राज्य आर्थिक सलाहकार परिषद के गठन करने की घोषणा भी की. इस परिषद का काम होगा कि राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में भूमिका निभाए. इसकी कमान टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन को सौंपी गई है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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