Wheat Production: खरीफ का सीजन किसानों के लिए पिछले साल संकट भरा था. तेज बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने इस बार किसानों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. इस बार देश में रिकॉर्ड गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद थी. लेकिन बारिश ने किसानों का खेल बिगाड़ दिया है. कई राज्यों में इस साल रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. वहीं, गेहूं की फसल को भी खासा नुकसान पहुंचा है. किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
इन 3 राज्यों में गेहूं की फसल को नुकसान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल में जो बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई है. उसका सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में देखने को मिला है. इन तीनों राज्यों में गेहूं की फसल 50 फीसदी तक बर्बाद हो गई है. पंजाब के कई जिलों में फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. यह आंकड़ा 70 प्रतिशत के अधिक तक हो गया है. इस बार संभावना है कि गेहूं का उत्पादन घट जाए.
कृषि मंत्रालय करेगा नुकसान का आंकलन
राज्यों में हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसल नुकसान को केंद्र व राज्य सरकार गंभीर हो गई हैं. कृषि मंत्रालय राज्यों में फसलों के नुकसान का सर्वे करा सकता है. राज्य सरकारों की मदद से सर्वे का यह काम पूरा किया जाएगा. कृषि मंत्रालय ने आशंका जताई है कि इस साल बारिश और ओलावृष्टि से 1 मिलियन टन कम गेहूं उत्पादन हो सकता है. सीजन 2022- 23 के लिए केंद्र ने 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है. लेकिन नुकसान को देखते हुए लख्य पकड़ना भारी लग रहा है.
रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा मुआवजा
हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में हुए नुकसान का सर्वे शुरू करने का आदेश दे दिया गया है. राज्य सरकार के सरकारी अधिकारी गांव गांव में फसल नुकसान का सर्वे कराएंगे. इसके बाद हुए नुकसान की जो गिरदावरी रिपोर्ट आएगी. उसी के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.