Crop Damage: बारिश, ओलावृष्टि नहीं बनेंगे फसलों का काल, यहां लगेंगी 25 हजार रेनगेज मशीन, जानिए इससे क्या होता है?
बारिश, ओलावृष्टि से झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश में फसलों को खासा नुकसान होता है. किसानों को मौसम की जानकारी पहले मिल जाएगी. इसके लिए रेनगेज मशीन लगाई जा रही हैं.
Crop Damage Due To Rain: रबी सीजन के मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. ओलावृष्टि ने तो इस बार किसानों की गेहूं और सरसों की लाखों रुपये की फसल बर्बाद कर दी है. किसानों को मौसम के खराब होने की जानकारी नहीं हो पाती है. फसल खेतों में पड़ी रहती है. बारिश या कोई नेचुरल आपदा आने पर फसलों को नुकसान हो जाता है. यदि किसानों को मौसम गड़बड़ होने की जानकारी पहले ही हो जाए तो फसलों के संभावित नुकसान से काफी हद तक बचा जा सकता है. इसी दिशा में झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. किसानों को मौसम खराब होने से पहले ही इसकी जानकारी हो सकेगी.
झारखंड की हर पंचायत में लगेंगी रेनगेज मशीन
झारखंड सरकार किसानों की मदद करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. राज्य की हर पंचायत में रेनगेज मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन की मदद से किसानों को मौसम खराब होने की जानकारी पहले ही हो जाएगी. यदि बारिश या ओलावृष्टि जैसा संकट आता है तो किसान अलर्ट होकर कटी फसलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगे. जो फसल कटी नहीं है. उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाएंगे. इससे किसानों को बहुत कम नुकसान होगा.
राज्य सरकार ने किया 48 करोड़ का प्रॉविजन
इस सिस्टम को लागू करने के लिए कृषि विभाग और मौसम विभाग प्लानिंग तैयार करने में जुटे हुए हैं. राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए 48 करोड़ का प्रॉविजन किया है. राज्य भर में 25 हजार मौसम केंद्र बनाए जाएंगे. इसकी मदद से दिन में तीन बार मौसम की रिपोर्ट ली जाएगी. रिपोर्ट को सीनियर ऑफिसर को भेज दिया जाएगा. इसके बाद ये रिपोर्ट कॉमन सर्विस सेंटर से जारी की जाएगी.
स्थानीय भाषा में होगा मौसम अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौसम विभाग सचेत और दामिनी ऐप के माध्यम से मौसमी अपडेट दी जाएगी. बारिश और आंधी आने पर सचेत ऐप जानकारी देगा, जबकि वज्रपात होने की जानकारी दामिनी ऐप से मिल सकेगी. मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में इस तरह की तकनीक का प्रयोग पहली बार हो रहा है. ये बहुत बड़ी उपलब्धि है. किसानों की सहूलियत के मौसम अलर्ट लोकल लैंग्वेज में ही जारी होगा.
जानकारी पाने को ऐप करने होंगे डाउनलोड
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने राज्य के 35 लाख किसानों का डाटा जुटा रखा है. मौसम संबंधी कोई भी अपडेट पानी है. उसके लिए किसान को दोनों एप को अपलोड करना होगा. इसी ऐप पर मौसम संबंधी जानकारी अपडेट हो जाएगी.
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