PMFBY: कटाई के बाद फसल बर्बाद होने पर भी मिलता है मुआवजा, यहां कॉल करके 72 घंटे के अंदर देनी होगी सूचना
Crop Loss in Rain: इस संकट के बीच कई राज्यों ने मुआवजे का भी ऐलान किया है, लेकिन पीएम फसल बीमा योजना के लाभार्थी किसानों को कटी हुई फसल में 14 दिन के अंदर हुये नुकसान का मुआवजा भी मिलता है.
Crop Loss Compensation: यह साल किसानों के लिये काफी चुनौतीपूर्ण रहा. खरीफ सीजन (Kharif Season 2022) में मुनाफे की उम्मीद लगाये बैठे किसानों को पहले सूखे के समना करना पड़ा. मानसून में देरी के चलते कई इलाकों में फसलों की बुवाई ही नहीं हो पाई. वहीं अब कटाई-गहाई के बीच बरसे आफत के बादलों ने एक बार फिर किसानों को लगभग आर्थिक संकट (Financial Crisis) तक पहुंचा दिया है. सिंतबर से लेकर अक्टूबर का समय फसलों में विशेष प्रबंधन से लेकर कटाई (Crop Harvesting) तक का होता है, लेकिन इस साल कटाई के समय बारिश होने से कई किसानों की फसलें खेतों में बिछकर, गलकर या कीट-रोगों के प्रकोप के चलते बर्बाद (Crop Loss After Harvesting) हो गई है.
कई किसानों को इस दिनों धान की कटाई शुरू करनी थी. साथ ही कई किसान ने धान समेत कई फसलों की कटाई के बाद उन्हें खेतों में सुखाने के लिये छोड़ा था, लेकिन आफत बनकर बरसे बादलों ने उपज को लगभग बर्बाद कर दिया है. किसानों पर आ पड़े इस संकट के बीच कई राज्यों ने मुआवजे (Crop Loss Compensation) का भी ऐलान किया है, लेकिन पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) के लाभार्थी किसानों को कटी हुई फसल में 14 दिन के अंदर हुये नुकसान का मुआवजा (Crop Loss Coverage) भी मिलता है.
पीएम फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा समेत तमाम अनिश्चितताओं से बर्बाद हुई फसल के लिये किसानों को बीमा कवरेज मिलता है. योजना के नियमों के मुताबिक, फसल कटाई के 14 दिनों तक खेतों में रखी गई फसल और उपज में यदि बारिश के कारण नुकसान होता है तो किसान को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को सूचित करना होगा. इसके लिये बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या कृषि अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, किसानों को पोर्टल पर बर्बाद हुई फसल की फोटो अपलोड करने की सुविधा भी दी जाती है. घटना का सत्यापन होने के बाद बीमा कंपनी द्वारा किसानों को बीमा क्लेम प्रदान किया जाता है, जिससे नुकसान का बोझ अकेले किसान पर नहीं पड़ता.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा देय प्रीमियम दर और बीमांकिक प्रीमियम की दर के अंतर को सामान्य प्रीमियम सब्सिडी की दर माना जायेगा जिसकी भागीदारी केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा बराबर रूप में वहन की जायेगा ।#agrigoi #farming @pmfby @nstomar @mygovindia @PIB_India pic.twitter.com/lcbJ75fHTR
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) October 9, 2022
राजस्थान में किया जायेगा सर्वे
देश के ज्यादातर इलाकों में फसल कटाई के बीच बारिश का कहर जारी है. इस आपदा के कारण खेतों में खड़ी फसलें, पराली के साथ-साथ कटाई के बाद बंडलों में पड़ी उपज में भारी नुकसान देखने को मिला है. कृषि-किसानों पर आ पड़ी इस विपदा को लेकर राज्य सरकारें भी अलर्ट पर हैं. इस बीच राजस्थान सरकार ने भी कृषि अधिकारियों और बीमा कंपनियों को आपदा से प्रभावित इलाकों में जाकर फसलों में हुये नुकसान का सर्वे करने के आदेश दिये हैं, जिससे समय रहते किसानों को बीमा क्लेम देकर बड़े आर्थिक संकट से बचाया जा सके.
यहां 72 घंटे के अंदर दें जानकारी
पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Beema Yojana) के लिये जारी मोबाइल एप पर भी किसान बारिश के कारण खरीफ फसलों में हुये नुकसान (Loss in Kharif Crops) की जानकारी दे सकते हैं. राजस्थान राज्य के किसानों के लिये राज्य सरकार ने तमाम बीमा कंपनियों को टोल फ्री नंबर भी जारी किये हैं. यहां जानकारी देकर अपनी फसलों में हुये नुकसान का क्लेम (Crop Loss Claim) ले सकते हैं.
- एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड- 18004196116
- एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी- 18002091111
- रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-18001024088
- फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-18002664141
- बजाज अलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-18002095959
- एचडीएफसी एर्ग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-18002660700
- यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-18002005142
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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