Mango Orchards Management: उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में आम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. मार्च से अप्रैल के बीच की समय आम के बागों के लिए बड़ा नाजुक होता है. इस समय आम पेड़ों पर फल निकलने लगते हैं, जिन्हें बारिश, कीट और रोगों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है. पिछले दिनों यूपी और बिहार के कई इलाकों में बेमौसम बारिश के चलते आम की बौर बाग में ही झड़ गई, जिससे बागवानों को भारी नुकसान हुआ हैृ. अब बागों में कीट-रोगों का खतरा मंडरा रहा है. 


आम के बागों में बढ़ रहा फल बेधक कीट का खतरा


इन दिनों आम के फलों पर लाल धारीदार फल बेधक कीट का खतरा मंडरा रहा है. इस रोग के प्रकोप से आम के निचले हिस्सों में सड़न चालू हो जाती है और निचले हिस्से में छेद बनने लगते हैं. इस समस्या के चलते आम की क्वालिटी खराब हो जाती है और दूसरे फलों पर भी इसका प्रभाव दिखाई पड़ता है. ये फल इंसान के खाने लायक नहीं रहते और फल भी कमजोर होकर पेड़ से गिर जाते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि फल बेधक कीट का प्रकोप इसी सीजन में ज्यादा बढ़ने लगता है, इसलिए आम के बागों में निगरानी जारी रखें और समय रहते प्रबंधन कार्य चालू कर दें.


बर्बाद हो सकता है आम का बाग


मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के कई जिलों में लगे आम के बागों में लाल धारीदार फल बेधक कीट का प्रकोप देखा जा रहा है. कई जगहों पर फल बेधक कीटन से 42 फीसदी फसल बर्बाद कर दी है. एक्सपर्ट बताते हैं कि लाल धारीदार फल बेधक कीट का समय पर प्रबंधन बेहद आवश्यक है, नहीं तो ये पूरे बाग को बर्बाद कर सकते हैं. 


कैसे करें फल बेधक की पहचान


कृषि विशेषज्ञों की मानें तो लाल धारीदार फल बेधक कीट का प्रकोप होने पर फल के निचने हिस्से यानी साइनल रीजन में सुराख हो जाता है और इससे पानी की बूंदे निकलने लगती है. ये बाद में फल पर ही गोंद की तरह जम जाती हैं, जबकि सुराख के जरिए फल के अंदर कीड़ों का प्रवेश हो जाता है. फलों को काटने पर रेड बेंडड कैटरपिलर देखे जा सकते हैं. समय पर रोकथाम ना की जाए तो ये कीड़े एक बार एक सभी फलों को अपना शिकार बनाते हैं और एक सीजन की उपज खराब हो जाती है.


कैसे करें रोकथाम


हॉर्टीकल्चर एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछले साल जिन इलाकों में लाल धारीदार फल बेधक का प्रकोप था, वहां किसानों को ज्यादा निगरानी करनी होगी. हालांकि ये कीड़ों की पहली जनरेशन है, इसलिए इनकी संख्या कम होगी. इनकी पहचान करके समय पर रोकथाम कर सकते हैं. आम के बागों में फल बेधक की रोकथाम के लिए कांटेक्ट इंसेक्टिसाइड का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा.


आम के बाग में अभी से मेलाथियान 50 ईसी दवा की 1.5 मिली. मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे कर सकते हैं. इसके अलावा डेल्टामथ्रीन 2.8 ईसी दवा की 0.5 मिली. मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर फलों पर छिड़कने से भी लाल धारीदार फल बेधक का प्रकोप कम किया जा सकता है.


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