Disease Control Remedies in Paddy Crop: भारत में खरीफ फसल चक्र (Kharif Crop Cycyle) के दौरान कई किसानों ने धान की फसल लगाई हुई है, जिसमें फसल प्रबंधन (Paddy Crop Management) कार्य किये जा रहे हैं. इसी बीच जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों की चिंतायें भी थमने का नाम नहीं ले रही, क्योंकि वैज्ञानिक खेती (Scientific Farming) करने के बावजूद फसल में कीड़े और बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है.


खासकर बात करें अगस्त से लेकर अक्टूबर तक के समय की तो इस दौरान धान की फसल पत्ता लपेट सुंडी (leaf Wrap Larva Disease in Paddy)के प्रति समय पर निगरानी और रोकथाम के कार्य करना बेहद जरूरी है. 


क्या है पत्ता लपेट सुंडी रोग  (What is leaf Wrap Larva Disease)         
धान की फसल में फसल में पत्ता लपेट सुंडी के प्रकोप के पौधे सूखने लगते हैं, जिससे धान की फसल की क्वालिटी खराब होने लगती है. दरअसल पत्ता लपेट सुंडियां पत्तों को लपेटकर अंदर ही अंदर खाने लगती है, जिससे पौधे के ऊपर सफेद धारियां दिखने लगती है. 



  • इस समस्या का असर जल्दी दिखाई नहीं देता और धीरे-धीरे ये अपनी आस-पास के ज्यादातर पौधों में भी फैल जाता है. ये सुंडियां पौधों से हरे पदार्थ को चूस लेती  हैं, जिससे पत्ते सफेद पड़ने लगते हैं.

  • धान के पौधों में हरा पदार्थ ही बालियां बनाने में मदद करता है, लेकिन पत्ता लपेट सुंडी के कारण पौधे भोजन नहीं बना पाते और कमजोर पड़ जाते हैं, जिससे फसल किसी काम की नहीं रहती. 

  • अकसर धान की फसल में यूरिया का अधिक इस्तेमाल करने पर धान के पौधों में कच्चापन बढ़ जाता है, इस कारण भी फसल में पत्ता लपेट सुंडी की संभावना बढ़ जाती है.




इस तरह करें रोकथाम (Prevention for leaf Wrap Larva Disease)
पत्ता लपेट सुंडी के कारण बढ़ने वाली समस्या की समय पर रोकथाम करना बेहद जरूरी है. इसके लिये धान की फसल में अगस्त से लेकर अक्टूबर तक निरंतर निगरानी और रोकथाम के उपाय करते रहें.



  • धान की फसल में यूरिया का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में ही करें, क्योंकि ज्यादा उर्वरकों के प्रयोग से भी मिट्टी और फसल पर उलटा असर होने लगता है और कीट-रोग की संभावना बढ़ जाती है.

  • पत्ता लपेट सुंड़ी का प्रकोप दिखने पर फसल में 7.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पदान, रीजैंट या पठेरा कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं. 

  • किसान चाहें तो प्रति एकड़ फसल पर 10 किलोग्राम मिथाइल पैराथिन की 2% मात्रा का छिड़काव भी कर सकते हैं.

  • कृषि विशेषज्ञ पत्ता लपेट सुंडी की रोकथाम के लिये प्रति एकड़ फसल पर 200 मिली मोनोक्रोटोफास 36 एसएल को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह देते हैं. 




इन बातों का रखें खास ख्याल (Precaution during Disease Management)
धान की फसल (Paddy Crop) में कीटनाशकों का छिड़काव मौसम साफ रहने पर ही करें, क्योंकि बारिश पड़ने पर दवायें पानी के साथ बह जाती हैं और फसलों का संरक्षण (Crop Protection)  नहीं हो पाता.



  • धान की फसल में बिना किसी नुकसान के कीट नियंत्रण करने के लिये कृषि विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा जरूर करें और विशेषज्ञ बताये अनुसार ही कीटनाशकों का छिड़काव करें.

  • फसल में निराई-गुड़ाई का काम करते रहे, जिससे खरपतवारों को नष्ट (Weed Management) किया जा सके. बता दें कि खरपतवारों की बढ़ती संख्या के कारण कीट-रोग फसल की तरफ आकर्षित होते हैं.

  • धान की फसल में सुबह और शाम के समय निगरानी करते रहें और फसल अतिरिक्त घास उगने पर उखाड़कर फेंक दें.

  • खेत की मेड़ों को साफ रखें और फसल में नमी आधारित कीटनाशक (Neem Based Pesticides) का छिड़काव करें. 




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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