Rain For Agriculture In Punjab: भारत कृषि प्रधान हैं. इस देश में फसल का अपना विशेष महत्व हैं. किसानों की जमापूंजी उनकी फसल ही होती है. फसल के लिए इतना ही महत्व पानी का होता है. कुछ एक फल, सब्जियों को छोड़ दें तो बिना सिंचाई के लिए फल, सब्जियां पनप नहीं पाती हैं. भारत का कृषि तंत्र सिंचाई के लिए नलकूप, कुआं, बारिश, नहर जैसे स्त्रोतों पर निर्भर होता है. बारिश को पानी आपूर्ति का बड़ा सोर्स माना जाता है. लेकिन अब कम बारिश को लेकर दो राज्यों से चिंताजनक तस्वीर सामने आई है. 


हरियाणा, पंजाब में कम हुई बारिश


मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में बारिश कम दर्ज की गई है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में गेहूं, मक्का और अन्य सब्जियों को जनवरी में बारिश की बहुत अधिक जरूरत होती है. लेकिन इस बार बारिश कम होने से परेशान हैं. भविष्य में अच्छी पफसल पैदा होने को लेकर चिंता जता रहे हैं. किसान अभी भी गेहूं, दलहन और सरसों की फसल के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. हरियाणा में भी कमोबेश यही हाल बना हुआ है. 


क्या कहते हैं मौसम विभाग के आंकड़े?


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग के चंडीगढ़ कार्यालय से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बारिश को लेकर आंकड़े सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में 0.7 मिमी यानि -91 प्रतिशत और 0.3 मिमी यानि - 94 प्रतिशत कम बारिश हुई है. दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में 7.4 मिमी यानि -53 प्रतिशत कम बारिश हुई है. 


पिछले साल इतनी हुई थी बारिश


पिछले साल बारिश अच्छी हुई थी. जनवरी के पहले 10 दिनों में भी पंजाब में 80.1 मिमी, चंडीगढ़ में 52.6 मिमी और चंडीगढ़ में 121.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. इसका असर फसलों के उत्पादन पर भी पड़ा. किसानों को अच्छी पैदावार मिली. इस साल बारिश कम होने से किसान परेशान हो गए हैं. .


ठंड भी कर रही बेहाल


कम बारिश से जहां किसान परेशान हैं. वहीं अधिक ठंड ने आमजन को बेहाल कर दिया है. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में शीत लहर चल रही है. 
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक पंजाब में सबसे कम न्यूनतम तापमान आदमपुर जालंधर में -1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हरियाणा के नारनौल में 0.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान ऐसा ही बना रहेगा. इसका असर सरसों, आलू, चना, धनिया जैसी फसलों पर भी देखने को मिल सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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