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Waste Decomposer: फसल अवशेष प्रबंधन में गाय की मदद लें किसान, कम खर्च में ही निपट जायेगा लाखों का काम
Crop Residue Management: जैविक वेस्ट डीकंपोजर खेत में पड़े फसल के अवशेष और सब्जियों के कचरों पर छिड़कर खाद बना सकते हैं. ये बीज उपचार दवा और रोगनाशक दवा के रूप में भी फायदेमंद रहता है.
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Cow Based Organic Decomposer: खेती-किसानी में बढ़ते रसायनों के इस्तेमाल के कारण धरती अपनी उपजाऊ शक्ति (Soil Health) खोती जा रही है. इससे मिट्टी की क्वालिटी तो खराब हो ही रही है, साथ ही फसलों का उत्पादन (Crop Production) भी गिरता जा रहा है. इन रासायनिक दवाओं (Chemical Spray) को फसल पर छिड़कने से उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है, जिससे इंसानों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.
इन सभी समस्याओं के समाधान करने के लिये जैविक खेती, प्राकृतिक खेती और दूसरी कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिससे कि रासायनों का इस्तेमाल कम किया जा सके. इस काम में वेस्ट डीकंपोजर (Waste Decomposer) काफी मददगार साबित हो रहा है, जो फसल के कचरे को खाद (Organic Manure) में बदलकर खेती की लागत को कम कर देता है.
गाय आधारित वेस्ट डीकंपोजर
जैविक डीकंपोजर (Organic Decomposer) को गाय के गोबर और गौमूत्र से बनाया गया है. इसमें मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने वाले सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं, जो फसल के अवशेषों और जैव कचरे को खाकर कार्बन की मात्रा को बढ़ा देते हैं. कार्बनिक पदार्थों से भरपूर ये डीकंपोजर की खाद मिट्टी के लिये बहुद फायदेमंद होती है.
- ये मिट्टी के हानिकारक बैक्टीरिया और बीमारियों के कंट्रोल करके जमीन की उर्वरता को बढ़ा देती है.
- इस तरह रसायन के बिना कम खर्च में बीजों का अंकुरण, पौधों का विकास और फसल की क्वालिटी बेहतर हो जाती है.
- बता दें कि वेस्ट डीकंपोजर से बनी खाद बंजर मिट्टी में भी जान फूंक देती है. इस तरह अलग से खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती.
- विशेषज्ञों की मानें तो जैव डीकंपोजर का इस्तेमाल करने पर कीट-रोगों की संभावना भी कम हो जाती है, जिससे कीटनाशक दवाओं का खर्चा और नुकसान भी कम हो जाता है.
इस तरह बनायें जैविक वेस्ट डीकंपोजर
किसान चाहें तो गाय आधारित वेस्ट डीकंपोजर को घर पर ही बना सकते हैं. इस तरह कम खर्च में ये डीकंपोजर बनाकर सीधा फसलों के अवशेष पर छिड़का जा सकता है.
- सबसे पहले डीकंपोजर का कल्चर बनाया जाता है, जिसकी 20 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाते हैं.
- इसी घोल को ड्रम या पानी की टंकी में बना सकते हैं, जिसके बाद घोल में 2 किलो गुड़ डालते हैं और घोल को लकड़ी की मदद से घोलना होता है.
- रोजाना 2 से 3 बार घोलने पर जैविक डीकंपोजर में सफेद झाग बन जाते हैं और 5 से 6 दिन के अंदर छिड़काव के लिये तैयार हो जाता है.
इस तरह करते हैं इस्तेमाल
जैविक वेस्ट डीकंपोजर (Organic Waste Decomposer) को खेत में पड़े फसल के अवशेष और सब्जियों के कचरों पर छिड़क सकते हैं. इसका इस्तेमाल बीज उपचार दवा (Seed Treatment) और रोगनाशक दवा के रूप में भी किया जा सकता है. किसान चाहें तो जैविक डीकंपोजर के साथ हरी मिर्च, हल्दी, लहसुन का रस मिलकार जैव कीटनाशक (Organic Pesticide) भी बना सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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