Winter Effect On Rain: रबी सीजन चल रहा है. किसान खेतों में रबी फसलों की बुआई कर रहा है. गेहूं, दलहन, तिलहन, धान समेत अन्य फसलों को खेतों में बोया जा रहा है. वहीं, पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है. तापमान लगातार नीचे गिर रहा है. ऐसे में फसलों को नुकसान न हो. इसको लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे में कृषि विशेषज्ञों और जानकारों से फसल से बचाव के लिए सुझाव लेने चाहिए. कृषि विशेषज्ञों
की मदद से यही बताने जा रहेे हैं कि इस पाले भरी ठंड में फसलों को कैसे बचाया जा सकता है
पाला पौधों को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
कृषि वैज्ञानिक डॉ. विवेक राज ने बताया कि मौसम में अब पाला गिरना शुरू हो गया है. कुछ किसान फसल की बुआई कर रहे हैं तो देश के कई राज्यों में फसल बोई जा चुकी है. उनमें अंकुरण होकर पौधा बनना शुरू हो गया है. ठंड अधिक पड़ने पर पौधे में मौजूद पानी के जमने का खतरा रहता है. ऐसा हुआ तो पौधा पीला पड़कर तुरंत दम तोड़ सकता है. पाले की वजह से हर फसल पर प्रभाव पड़ता है
फिर पाले से फसलों को कैसे बचाएं
सिंचाई कर दीजिए
अधिक ठंड को नियंत्रित करने का काम पानी करता है. आपने देखा होगा कि समुद्र और विशाल नदी किनारे तापमान एक जैसा बना रहता है. यही तरीका फसल में अपनाना जरूरी होता है. ठंड अधिक पड़ने पर फसल, बाग या सब्जियों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए. इससे उस क्षेत्र के आसपास का तापमान बढ़ जाता है. फसलों को नुकसान नहीं होता है.
धुंआ कर सकते हैं
सरसों, मटर, आलू, टमाटर तथा पत्तेदार सब्जियों को अधिक पाले से बचाने के लिए देर रात खेत के उत्तर पश्चिम दिशा में घास फूंस जलाकर धुआं कर देना चाहिए. इससे एनवायरमेंट में धुएं की एक परत बन जाती है. पाला सीधे तौर पर फसल पर नहीं गिर पाता है. इससे तापमान कम नहीं होता और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचता है. लेकिन इतना ध्यान रखें कि आग अधिक नहीं लगानी चाहिए.
पौधों को कवर करके
नर्सरी में प्याज, मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि सब्जियां भी पाले से प्रभावित होती हैं. इन्हें बचाने के लिए पालीथिन या कुराली से ढक देना चाहिए. अन्य तरीके से भी फसल को कवर कर देना चाहिए.
गंधक का प्रयोग करें
मटर, आलू, सरसों, टमाटर बचाने के लिए गंधक का छिड़काव कर देना चाहिए. यह कवर के तौर पर काम करता है. विशेषज्ञों के अनुसार, 600 से 800 ग्राम घुलनशील गंधक को 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव कर देना चाहिए.
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