Crop Compensation: बाढ़ से बर्बाद हुई फसल, अब यूपी सरकार 12 जिलों के किसानों को देगी 876 करोड़
उत्तर प्रदेश में सूखा, बारिश और फिर बाढ ने जमकर कहर बरपाया, अब स्टेट गवर्नमेंट किसानों की मदद के लिए आगे आई है.
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Crops Ruined By Floods: इस साल सूखा बाढ़ और बारिश ने उत्तर प्रदेश की फसलों को बर्बाद कर दिया है. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में बुरा हाल है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहले सूखा फिर बाढ़ और बाद में बारिश ने हाल बेहाल कर दिया है. यदि पश्चिमी यूपी की बात करें तो यहां सूखा और पिछले 5 दिनों में हुई बारिश ने खरीफ की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. परेशान किसानों के जख्मों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मरहम लगाने का काम किया है. प्रदेश सरकार बाढ़ इफेक्टेड फसलों के लिए करोड़ों रुपये देने जा रही है.
प्रदेश सरकार ने 12 जिले ऐसे चिन्हित किए हैं, जहां बाढ़ ने फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. इन किसानों को मुआवजा बतौर 876 करोड़ों रुपये दिए जाएंगे. चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने डीएम और कृषि विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
62 जिलों का होगा सर्वे
पहले कम बारिश ने किसानों को जमकर रुलाया और बाद में 5 दिनों की बारिश ने फसल बर्बाद कर आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया. स्टेट गवर्नमेंट किसानों का दर्द समझ रही है. चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने स्टेट के 62 जिलों में सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. यह सभी वह जिले हैं जहां पर समय से बारिश नहीं हुई है. सर्वे कराने की जिम्मेदारी डीएम के कंधों पर होगी. डीएम कृषि विभाग और एडमिनिस्ट्रेशन के अफसरों व कर्मचारियों को लगाकर सर्वे कराएंगे इन सभी जगहों पर दलहन तिलहन और सब्जी के बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
बदल रहा मौसम, पैदावार में कमी नहीं
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग खेती से जुड़े हैं. हर साल मौसम बदल रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग का होना है. प्रदेश सरकार के अफसरों का कहना है कि प्रदेश में रिकॉर्ड मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. प्रदेश सरकार नेचुरल फार्मिंग पर भी जोर दे रही है. 1 एकड़ में फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड लगाने में 12000 से 16000 रुपये तक का खर्चा आता है जबकि नेचुरल फार्मिंग में 1000 से 1200 में छिड़काव हो जाता है.
21 लाख हेक्टेयर की हुई सिंचाई
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की मदद से प्रदेश में कृषि सिंचाई कराई जा रही है. प्रदेश में 36 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कराया गया. इससे 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई. प्रदेश सरकार ने योजना का प्रचार प्रसार करने का आदेश अफसरों को दिया है.
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