Best Varieties of Spinach: भारत की सब्जी मंडियों में हरी और पत्तेदार सब्जियों की सबसे ज्यादा मांग होती है. ये पोषण से भरपूर तो होती है, साथ ही किसानों के लिये भी ये अच्छी आमदनी का जरिया बनती है. हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक (Spinach) की भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों में काफी मांग रहती है. क्योंकि विटामिन ए और सी के साथ प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट समेत अनगिनत पोषक तत्वों से भरपूर पालक का इस्तेमाल सब्जी के साथ-साथ एंटी-एजिंग दवायें बनाने में भी किया जाता है. किसान चाहें तो जून-जुलाई के दौरान पालक की संरक्षित खेती यानी पॉलीहाउस में अच्छी आमदनी ले सकते हैं.
आमतौर पर पालक की खेती करके 150-205 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है, जिसे बाजार में 15-20 रुपये किलो को भाव पर बेचा जाता है. इसी प्रकार पालक की फसल से अच्छी पैदावार के लिये जरूरी है कि इसकी अच्छी पैदावार वाली उन्नत किस्मों से बिजाई की जाये, जिससे खेती में जोखिम को कम किया जा सके. उत्तर भारत में पालक की देसी और हाइब्रिड किस्में आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, पंजाब ग्रीन, आर्का अनुपका, बनर्जी जाइंट और जोबनेर ग्रीन आदि काफी लोकप्रिय हैं.
पंजाब ग्रीन
पालक की अच्छी पैदावार और जल्दी पकने वाली किस्मों में पंजाब ग्रीन शामिल है, जो बिजाई के 30-35 दिनों बाद कटाई के लिये तैयार हो जाती है. एक बार बुवाई के बाद ये किसानों को 120-140 क्विटल तक पैदावार दे सकती है. इसके पत्तों का रंग चमकीला हरा होता और इसकी पत्तियां आधी सीधी होती हैं.
पूसा ज्योति
गहरे रंग की चौड़ी और लंबी पत्तियों वाली पूसा ज्योति पालक भी जल्दी पकने वाली किस्मों में फेमस है. ये बिजाई के 45 दिन बाद ही कटाई के लिये तैयार हो जाती है. एक बार बिजाई के बाद लगातार 8-10 बार इसकी कटाई करके अच्छा उत्पादन मिल जाता है. अगेती और पछेती पालक के रूप में बोई जाने वाली पूसा ज्योति से 150 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार ले सकते हैं.
पंजाब सिलेक्शन
जामुनी रंग के तने वाली पंजाब सिलेक्शन पालक के पत्ते लंबे और पतले होते हैं, जिनका रंग हल्का हरा या तोतई होता है. लेकिन पोषण और पैदावार के मामले में इसका नाम पहले लिया जाता है. एक हेक्टेयर खेत में पंजाब सिलेक्शन की खेती करके 115-120 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं.
अर्का अनुपमा
पालक की उन्नत किस्मों में आर्का अनुपमा शामिल है, जो बिजाई के 40 दिनों बाद पककर कटाई के लिये तैयार हो जाती है. गहरे हरे रंग और चौड़ी पत्तियों वाली आर्का अनुपमा पालक से एक बार बिजाई करने पर 125-130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिल जाता है.
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