एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

Vegetable Farming: हाइड्रोपोनिक्स में बंपर पैदावार देती हैं ये 4 विदेशी सब्जियां, कैफे-रेस्त्रां में बनी रहती है डिमांड

New Vegetable Cultivation: फाइव स्टार होटल, रेस्त्रां और कैफे में विदेशी किस्म की सब्जियों की डिमांड रहती है. किसान चाहें तो हाइड्रोपोनिक्स में इन्हें उगाकर कम समय में अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

Vegetable Farming in Hydroponics: दुनियाभर में बढ़ते आधुनिकीकरण (Advanced farming Techniques) का सबसे अच्छा असर खेती-किसानी पर नजर आ रहा है. अब किसान भी खेती की आधुनिक तकनीक और फसलों की उन्नत किस्मों के जरिये नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. इस बीच भारत में भी बागवानी फसलों की खेती (Horticulture Crops Cultivation) के लिये नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है. खासकर बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponics Farming) करने के लिये किसानों को आर्थिक अनुदान भी दिया जाता है.

ऐसे में किसानों को साधारण सब्जियों के साथ-साथ कुछ विदेशी सब्जियों की खेती (Exotic Vegetable Farming) की तरफ भी रुख करना चाहिये. बता दें कि बड़े शहरों में फाइव स्टार होटल, रेस्त्रां और कैफे में विदेशी किस्म की सब्जियों की मांग बढ़ती जा रही है. शहरों में भी फिटनेस फ्रीक लोगों ने भी आलू-टमाटर की जगह इन विदेशी सब्जियों का सेवन शुरू कर दिया है, जिसके चलते इन सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation) करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है, वहीं इन विदेशी सब्जियों की खेती के लिये हाइड्रोपोनिक्स तकनीकों का इस्तेमाल (Vagetable Farming in Hydroponics) करके मुनाफा काफी हद तक बढ़ा भी सकते हैं. 


Vegetable Farming: हाइड्रोपोनिक्स में बंपर पैदावार देती हैं ये 4 विदेशी सब्जियां, कैफे-रेस्त्रां में बनी रहती है डिमांड

रेड स्विस चार्ड (Red Swiss Chard)
रेड स्विस चार्ड एक मंहगी विदेशी सब्जी है, जिसका पौधा दिखने में तो चुकंदर की तरह होता है, लेकिन इसके कंदों से ज्यादा पत्तों की डिमांड रहती है. विटामिन और मिनरल्स के गुणों से भरपूर ये सब्जी सर्द वातावरण में पैदा होती है, जिसके पत्तों का इस्तेमाल सलाद और बर्गर जैसे व्यंजनों में किया जाता है. किसान चाहें तो कम लागत और बिना किसी नुकसान वाली तकनीक हाइड्रोपोनिक्स में रेड स्विस चार्ड की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि रेड स्विस चार्ड को फाइव स्टार होटल, रेस्त्रां और कैफे में 600 रुपए प्रति किलो तक खरीदने के लिये तैयार रहते हैं. यह सब्जी मात्र 45 दिनों में तैयार हो जाती है, जिसका एक पौधा 200 से ज्यादा फलों की पैदावार देता है. 

रेड बेसिन  (Red Basil)
ग्रीन बेसिल की तरह ही रेड बेसिल भी एक मंहगी विदेशी सब्जी है, जिसका अनोखा स्वाद इसे बाकी पत्तेदार सब्जियों से काफी अलग बनाता है. बता दें कि थाई, इटालियन और वियतनामी व्यंजनों में रेड बेसिल का खूब प्रयोग होता है. यही कारण है कि भारत के बड़े-बड़े शहरों में अब इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. विदेशों व्यंजनों की शान बढ़ाने वाली ये सब्जी भी 600 रुपये तक के भाव पर आसानी से बिक जाती है. कम समय में अच्छी पैदावार के लिये इसकी खेती भी हाइड्रोपोनिक्स या पॉलीहाउस में भी कर सकते हैं. 

लोला रोजा (Lola Rosa)
लोला रोजा भी एक पत्तेदार सब्जी होती है, जिसका रंग लाल, हरा और बैंगनी रंग के मेल-मिलावट का ही होता है. यह सब्जी दिखने में जितनी खबसूरत है, स्वाद और सेहत के मामले में भी यह उतनी ही फायदेमंद है. बता दें कि लोला रोजा में विटामिन-ए, विटामिन-सी, फोलेट एसिड और आयरन जैसे गुण के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी मौजूद होते हैं. इस सब्जी का सेवन करने पर शरीर तरोताजा हो जाता है. साथ ही अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्यायें भी कंट्रोल रहती है. 500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिकने वाली लोला रोजा किसानों की आय का जरिया भी बन सकती है. 

ग्रीन स्विस चार्ड  (Green Swiss Chard) 
रेड स्विस चार्ड की तरह ही ग्रीन स्विस चार्ड की पत्तियां (Green Swiss Chards Leaves) भी बर्गर, पिज्जा और पास्ता में इस्तेमाल की जाती है. कई लोग सब्जियों में इसकी गार्निशिंग करते हैं और सलाद के रूप में खाते हैं. बता दें कि ग्रीन स्विस चार्ड की पत्तियों से लेकर तनों में विटामिन समेत कई खनिज तत्व पाये जाते हैं, जो आंखों की सेहत को बरकरार रखते हैं. इस सब्जी को उगाकर पत्तियों और तनों को खाने में और जड़ों को दोबारा खेती के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं. इस प्रकार हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics Farming) में ग्रीन स्विस चार्ड की खेती (Green Swiss Chard Cultivation) करके कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान चाहें तो विभिन्न फाइव स्टार होटल, रेस्त्रां और कैफे से कांट्रेक्ट लेकर भी इन सब्जियों की कांट्रेक्ट फार्मिंग (Contract Farming) कर सकते  हैं. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें:-

Subsidy Offer: अब बिहार में भी उगा सकते हैं असम की मशहूर चाय, यहां किसानों को मिल रही है 50% सब्सिडी

Subsidy Offer: 11 तरह के मसाले खोलेंगे तरक्की के द्वार, यहां पर खेती के लिये 48,000 रुपये दे रही है सरकार

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

मौलाना नोमानी से मुलाकात का भी स्वरा भास्कर-फहद अहमद को नहीं मिला कोई चुनावी फायदा, क्या हो सकती हैं हार की वजहें?
मौलाना नोमानी से मुलाकात का भी स्वरा-फहद को नहीं मिला कोई चुनावी फायदा
Yashasvi Jaiswal Record: यशस्वी ने पर्थ टेस्ट में तोड़ा छक्कों का रिकॉर्ड, 147 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी ने पर्थ में तोड़ा छक्कों का रिकॉर्ड, 147 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
आचार्य प्रमोद ने राहुल गांधी पर किया तंज, कहा- पालघर के साधुओं का लगा श्राप, विपक्षी नेता बनने लायक नहीं रहे
आचार्य प्रमोद ने राहुल गांधी पर किया तंज, कहा- पालघर के साधुओं का लगा श्राप, विपक्षी नेता बनने लायक नहीं रहे
Housing Prices: रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत | BJP | CongressIPO ALERT: Rajesh Power Services IPO में जानें Price Band, GMP & Full Review | Paisa LiveAssembly Election Results: देवेंद्र फडणवीस ने जीत के बाद क्या कहा? Devendra Fadnavis | BreakingMaharashtra Election Result : विधानसभा चुनाव के रुझानों पर महाराष्ट्र में हलचल तेज!

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मौलाना नोमानी से मुलाकात का भी स्वरा भास्कर-फहद अहमद को नहीं मिला कोई चुनावी फायदा, क्या हो सकती हैं हार की वजहें?
मौलाना नोमानी से मुलाकात का भी स्वरा-फहद को नहीं मिला कोई चुनावी फायदा
Yashasvi Jaiswal Record: यशस्वी ने पर्थ टेस्ट में तोड़ा छक्कों का रिकॉर्ड, 147 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी ने पर्थ में तोड़ा छक्कों का रिकॉर्ड, 147 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
आचार्य प्रमोद ने राहुल गांधी पर किया तंज, कहा- पालघर के साधुओं का लगा श्राप, विपक्षी नेता बनने लायक नहीं रहे
आचार्य प्रमोद ने राहुल गांधी पर किया तंज, कहा- पालघर के साधुओं का लगा श्राप, विपक्षी नेता बनने लायक नहीं रहे
Housing Prices: रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
आपका दिमाग अधिक समय तक नहीं रहेगा प्राइवेट! स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
आपका दिमाग अधिक समय तक नहीं रहेगा प्राइवेट! स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में करोड़ों महिलाओं को मिलेगा BJP की जीत का फायदा, जानें कितना बढ़ सकता है लाडली बहन योजना का पैसा
महाराष्ट्र में करोड़ों महिलाओं को मिलेगा BJP की जीत का फायदा, जानें कितना बढ़ सकता है लाडली बहन योजना का पैसा
Maharashtra Assembly Election Results 2024: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
महाराष्‍ट्र: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
Embed widget