Green Manure Farming: खेती में रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer) और उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से मिट्टी का स्वास्थ्य, फसल की क्वालिटी और पारिस्थितिक तंत्र को काफी नुकसान हो पहुंच रहा है. यही कारण है कि अब ज्यादातर किसान पूरी तरह से जैविक (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की तरफ जोर दे रहे हैं. इनसे खेती की लागत को कम होती ही है, साथ बेहतर क्वालिटी की उपज बाजार में ऊंचे दामों पर बिकती है. बेहतर उत्पादन लेने में जैविक खाद (Organic Fertilizer) और हरी खाद (Green Fertilizer)सबसे ज्यादा मददगार साबित हो रही है.
किसान जहां-तहां दूसरी फसलों के साथ-साथ हरी खाद उगाकर उर्वरकों का पैसा भी बचा रहे हैं. इसका इस्तेमाल करके प्रति एकड़ की उपज को बढ़ाकर समय से पहले उत्पादन हासिल कर सकते हैं.
क्या है हरी खाद (What is Organic Fertilizer)
आज के समय में हरी खाद को रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. इसमें मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, जस्ता, तांबा, मैगनीज और लोहा आदि तत्वों के कारण हरी खाद किसानों द्वारा काफी पसंद की जा ही है. इससे गोबर पर निर्भरता तो कम होती ही है, साथ ही ये बंजर जमीन में भी जान फूंकने की क्षमता रखती है. जहां दूसरी खादों को खरीदने और बनाने में समय लगता है,
- ऐसी स्थिति में हरी खाद से कम समय में खेती की ज्यादातर जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
- इससे मिट्टी की बेहतर सेहत के साथ-साथ फसल की क्वालिटी और पैदावार को भी बढ़ा सकते है.
- इससे मिट्टी में नमी, आर्गेनिक कार्बन, नाईट्रोजन और जरूरी सूक्ष्म जीव की संख्या में वृद्धि दर्ज की जाती है.
- इसके इस्तेमाल से मृदा संरक्षण के साथ मिट्टी में जैविक गतिविधियां बढ़ाने में खास मदद मिलती है.
- हरी खाद उगाने से खेती के साथ-साथ पशुओं की हरे चारे की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं.
- इसका प्रयोग करने पर हवा में मौजूद नाइट्रोजन मिट्टी में जमा हो जाता है और खरपतवार की संभावना कम ही रहती है.
कैसे उगायें हरी खाद (How to Grow Green Manure/ Green Fertilizer)
हरी खाद को उगाना बेहद आसान है. इसके लिये दलहनी फसलें जैसे- लोबिया, मूंग, उड़द, ग्वार, लोबिया के अलावा बरसीम और ढैंचा का भी प्रयोग कर सकते हैं.
- हरी खाद के उद्देश्य से बोई गई फसल को बुवाई के 30 से 40 दिन बाद मिट्टी में मिला दिया जाता है.
- मिट्टी में पौधों को गलाने या विघटन के लिये 10 से 15 किलोग्राम यूरिया (Urea) का छिड़काव किया जाता है.
- इससे मिट्टी में ही हरी खाद का पोषण मिल जाता है. ध्यान रखें की हरी खाद को ज्यादा गहराई में न मिलायें.
- किसी भी फसल की बुवाई से पहले खेत में डाली गई हरी खाद (Green Fertilizer) को उलट-पलट कर लें, इससे मिट्टी और फसल में ज्यादा से ज्यादा नाइट्रोजन (Nitrogen) की पूर्ति होगी.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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