Animal Foddar Cultivation: देश में बढ़ती गर्मी के साथ-साथ पशु चारे की समस्या भी गर्माती जा रही है. देश के कई राज्यों में पशुपालकों को पशुओं के लिये हरे चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है. हरे चारे की कमी के चलते दूध का उत्पादन तो प्रभावित हो ही रहा है. इससे पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. लेकिन अब नहीं, खरीफ सीजन में नेपियर घास यानी हाथी घास की खेती करके किसान 5 साल तक इस चारे का लाभ ले सकते हैं. इससे पशुओं को भी समय से हरा चारा मिल जायेगा.
कैसे उगायें हाथी घास
जानकारी के लिये बता दें कि बाजरा की हाइब्रिड किस्मों में नेपियर घास का नाम भी शामिल है. इसकी खेती बंजर जमीन पर भी हो जाती है. जमीन की कमी होने पर खेत की मेड़ों पर भी नेपियर घास उगा सकते हैं. बारिश के मौसम में नेपियर घास उगाने से सिंचाई की अलग से जरूरत नहीं होती बल्कि ये चारा फसल 20-25 दिनों में ही पककर तैयार हो जाती है. इतना ही नहीं, सिर्फ 1 बार इसकी खेती करने से 3-5 साल तक का काम चल जाता है. इस घास की पहली कटाई 45 दिनों में और फिर बाद में हर 25 दिन में इसकी कटाई करते रहें.
नेपियर घास के फायदे
नेपियर घास में दूध उत्पादन को बढ़ाने और पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. शुरुआती अवस्था में नेपियर घास में 12-14% शुष्क पदार्थ पाये जाते हैं. इसके सेवन से पशुओं से दूध उत्पादन में 20% तक की बढोत्तरी होती है. इसके अलावा, प्रोटीन,रेशा, कैल्शियम व फास्फोरस की राख जैसे पोषक तत्वों की खान होती है नेपियर घास। इसलिये पशुपालक या किसान भाई आने वाले बरसात के मौसम में इसकी जड़ों की बुवाई का काम कर लें. इससे समय रहते पशुओं को हरा चारा मिल सकेगा.
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