Seasonal Farming: देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है. सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. किसान पाठशाला और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे किसानों को वैज्ञानिक और मौसम आधारित खेती के बारे में जानकारी मिल जाए. इस तरह किसान सही मौसम में सही फसल का चयन कर पाएंगे. हर फसल की सही समय पर बुवाई होगी तो उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों को उपज के सही दाम भी मिलेंगे, लेकिन देर से बुवाई करने पर उत्पादन में कमी आ जाती है और उपज की क्वालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है. भारत के तीन फसल सीजन है-रबी, खरीफ और जायद. इन तीनों ही सीजन में अलग-अलग फसलें उगाई जाती है. इस आर्टिकल में मौसम या सीजनल फसलों की जानकारी देंगे, ताकि किसान सही समय पर सही फसल की बुवाई कर सके.


रबी सीजन की फसलें
रबी सीजन में फसलों की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है.  इस समय मौसम सर्द हो जाता है, जो गेहूं, चना, जौ, चना, मसूर, सरसों और असली की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है.


इन नकदी फसलों के अलावा रबी सीजन में टमाटर, बैंगन, भिन्डी, आलू, तोरिया, लौकी, करेला, सेम, बण्डा, फूलगोभी, पातगोभी, गाठगोभी, मूली, गाजर, शलजम, मटर, चुकन्दर, पालक, मेंथी, प्याज, आलू, शकरकंद आदि सब्जियों की खेती भी की जाती है.


खरीफ सीजन की फसलें
खरीफ सीजन का आगाज जून-जुलाई के बीच होता है. इस समय तापमान में गर्म काफी बढ़ जाती है. लू चलने लगती हैं. ये सीजन धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उड़द, तुअर आदि की खेती के लिए सबसे उपयुक्त रहता है.


इन नकदी फसलों के अलावा इस सीजन में भिंडी, टिंडा, तोरई, कद्दू, करेला, खीरा, लौकी, ग्वार फली, चौलाई भी उगाई जाती है. किसान पॉली हाउस में खीरा और टमाटर उगाके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. 


जायद सीजन की फसलें
जायद सीजन में फसलों की बुवाई फरवरी से मार्च के बीच की जाती है. वैसे तो रबी और खरीफ सीजन में ही सभी प्रमुख सब्जियों की खेती की जाती है, लेकिन जलवायु के मुताबिक, कुछ फसलों की बुवाई जायद मौसम में करने पर बढ़िया पैदावार ले सकते हैं.


इन फसलों में मूंग, उड़द, सूरजमुखी, मूंगफली, मक्का, चना, हरा चारा, कपास, जूट आदि शामिल हैं. कई किसान जायद सीजन में रबी फसलों के साथ अंतरवर्तीय खेती करने का भी चलन है. जैसे गेहूं की फसल के साथ आलू की खेती, सरसों के साथ मधुमक्खी पालन आदि. इस तरह अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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