Almaond Orchard for Lifetime Income: कोरोना महामारी (Covid-19) के बाद से लोग अपनी सेहत के प्रति सजग रहने लगे हैं और पोषण के साथ-साथ सेहतमंद चीजों का सेवन कर रहे हैं. बादाम भी इन्ही सेहतमंद चीजों में शामिल है, जिसकी खपत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. जानकारी के लिये बता दें कि बाजार में मिलने वाली बादाम की गिरी में कई पोषक तत्व और औषधीय गुण (Medicinal Ingredients) पाये जाते हैं, इसलिये बादाम का इस्तेमाल दवाईयों के साथ-साथ ब्यूटी प्रॉडक्ट्स(Beuty Products) बनाने में भी किया जाता है. बादाम के बढ़ते इस्तेमाल के कारण किसान भी अब भारत के हर इलाके में बादाम की खेती कर रहे हैं. जानकारी के लिये बता दें कि कुछ समय पहले बादाम सिर्फ पहाड़ी इलाकों में उगाये जाते थे, लेकिन नई तकनीक और नई किस्मों के चलते अब किसी भी प्रकार की जमीन में बादाम की खेती की जा सकती है.


बादाम की खेती
बादाम की खेती लिये थोड़ी सर्द और मध्यम जलवायु के साथ-साथ समतल, बलुई, दोमट चिकनी मिट्टी और गहरी उपजाऊ मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. बता दें कि बादाम एक मध्यम आकार के पेड़ पर फल में उगता है, जिसे मिंगी यानी गिरी कहते है. इसके बाग मुख्यरूप से कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे सर्द इलाकों में  पाये जाते हैं. लेकिन अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में इसकी शौकिया खेती हो रही है.बादाम की खेत फलों के बाग की तरह ही तैयार किये जाते हैं. 



  • सबसे पहले खेत में गहरी जुताई लगाकर समलतीकरण का काम कर लें.

  • बादाम के पौधों की रोपाई के लिये 5-6 मीटर के अंतराल पर गड्ढों की खुदाई करें.

  • इन गड्ढों में गोबर की सड़ी खाद या केंचुआ खाद डालकर भर दें.

  • अब इन गड्ढों में पौधों की रोपाई करें और हल्की सिंचाई काम कर दें.

  • ध्यान रखें कि बादाम के बीज मान्यता प्राप्त और उन्नत किस्म के होनी चाहिये, जिससे बाजार मानकों के आधार पर आसानी से बिक्री हो सके.


सावधानियां



  • बादाम की बागवानी के साथ अतिरिक्त आमदनी कमाने के लिये साथ में सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं

  • किसान चाहें बादाम के बाग में शहद उत्पादन कर सकते  हैं. क्योंकि मधुमक्खियां बादाम के पौधों में परागण करके उनकी बढ़वार में मदद करती हैं.

  • बादाम के बाग लगाने से पहले मिट्टी की जांच जरूर करवायें, जांच में पता चल जायेगा कि मिट्टी और जलवायु बादाम की खेती के लिये ठीक है या नहीं.

  • बागों को जल्दी बढ़ने के लिये नमी की जरूरत होती है, इसलिये गर्मियों में हर 10 दिन में और सर्दियों 20-25 दिनों के अंदर सिंचाई कर लेनी चाहिये.


लागत और आमदनी
बादाम के बाग से पहली उपज 3-4 साल में मिलती है, लेकिन पेड़ को मजबूत बनने और अच्छी उपज आने में 6 साल का समय लगता है. एक बादाम के पेड़ से हर 6-7 महिने में 2.5 किलो तक बादाम की गिरी मिल सकती है. बाजार भाव की बात करें एक किलो साधारण बादाम की गिरी 600-1000 रुपए किलोग्राम के हिसाब से बेची जाती हैं।  इतना ही नहीं, एक बार बादाम का बाग लगाने पर ये अगले 50 साल तक किसानों को मालामाल करते रहते  हैं. अगर बादाम के बाग में 40 पौधे भी लगाये जायें तो आगे चलकर ये हर 7 महिने में 40,000 तक का शुद्ध लाभ देंगे. इसके साथ मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) और शहद उत्पादन (Honey Farming)करके 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक कमाये जा सकते हैं. इस तरह बादाम के बागों का सही रखरखाव और साथ में सहफसली खेती(Integrated Farming) करने से किसानों को अच्छी आमदनी हो सकती है.


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