Meghdoot Mobile App: पूरी दुनिया पर क्लाइमेंट चेंज की समस्या हावी होती जा रही है. प्राकृति पर जलवायु परिवर्तन का बसे बुरा असर देखने को मिल रहा है. कई प्रजातियां विलुप्ति हो रही  हैं तो कुछ प्रजातियों को बचाने की कवायद की जा रही है. इस बीच खेती-किसानी भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. कभी आकाशीय बिजली, बारिश या कभी तेज धूप या अचानक मौसम बदलने से फसलों पर बुरा असर पड़ता है. यदि आने वाली इन घटनाओं की जानकारी पहले ही मिल जाए तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. जी हां, अब से मेघदूत और दामिनी दोनों आपको मौसम के बदलने से पहले ही जानकारी दे देंगे. ये कोई इंसान नही हैं, बल्कि मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसे गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से बिना किसी खर्च में डाउनलोड किया जा सकता है.
 
कैसे काम करता है दामिनी मोबाइल एप
दामिनी मोबाइल एप्लीकेशन एक स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी, पुणे ने विकसित किया गया है. अपने स्मार्ट फोन में दामिनी मोबाइल एप को डाउनलोड करके मौसम संबंधी अपडेट के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने से आधे घंटे पहले अलर्ट पा सकते हैं.


यदि किसान के खेत या आसपास के 10 किलोमीटर के दायर में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है तो मोबाइल पर ऑडियो मैसेज या एसएमस अलर्ट भेजा जाता है. इससे किसान पहले ही सतर्क हो जाते हैं और अपने साथ फसल के बचाव के लिए भी कुछ उपाय कर सकते हैं.


किसानों का मसीहा बना मेघदूत
मेघदूत भी एक स्वदेसी विकसित एप्लीकेशन है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने संयुक्त प्रयासों से विकसित और लॉन्च किया है, जहां मौसम की हर पल की जानकारी किसानों को मिल जाती है. इस मोबाइल एप्लीकेशन में किसानों के लिए फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह भी जारी की होती है.
 
मेघदूत एप पर हर मंगलवार और शुक्रवार को एग्रोमेट फील्ड यूनिट की ओर से फसल पर जिलेवार सलाह और पूर्वानुमानित मौसम की जानकारी दी जाती है, जिसकी किसानों को फसलों की बुवाई, कीटनाशक, उर्वरक का प्रयोग, सिंचाई समेत सभी कृषि कार्यों को सही समय पर निपटाने में मदद मिल जाती है. इस एप्लीकेशन पर बारिश, तापमान आद्रता , हवा की गति और दिशा के पूर्वानुमान जारी किए जाते हैं.


गन्ना के किसानों के जारी एडवायजरी
भारत में गन्ना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. कई बार मौसम की अनिश्चितताओं के कारण गन्ना की उत्पादकता भी काफी प्रभावित हो जाती है, लेकिन अब दामिनी और मेघदूत एप की मदद से बड़े नुकसान की संभावना को कम किया जा सकता है. इस एप पर गन्ना की किसानों को सलाह दी जाती है कि आकाशीय बिजली का अलर्ट मिलने पर खुले खेत, पहाड़ी इलाकों या चट्टानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.


इस दौरान तालाब, झील तथा बिजली का संचालन करने वाले साधनों से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए. बिजली के उपकरण या तार से जुड़े मोबाइल या किसी दूसरे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें:- गेहूं, चना और सरसों की फसल के लिए ICAR की एग्रोमेट एडवायजरी, सब्जी फसलों में फटाफट कर लें ये सारे काम