ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती को पर्यावरण का संरक्षक माना जाता है. कोरोना महामारी के बाद से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति खास जागरूकता पैदा हुई है. बुद्धिजीवी वर्ग खाने पीने में रसायनिक खाद्य से उगाई सब्जी की जगह जैविक खेती से उगाई सब्जियों को प्राथमिकता दे रहा है. 


पिछले 4 सालों में दो गुना से अधिक हुई खेती


भारत में पिछले चार वर्षों में जैविक खेती का रकबा यानी क्षेत्रफल बढ़ रहा है और दोगुना से अधिक हो गया है. 2019-20 में रकबा 29.41 लाख हेक्टेयर था, 2020-21 में यह बढ़कर 38.19 लाख हेक्टेयर हो गया और पिछले साल 2021-22 में यह 59.12 लाख हेक्टेयर था. 


कैंसर और दिल-दिमाग की बीमारियों से लड़ने में सहायक


प्राकृतिक कीटनाशकों पर आधारित जैविक खेती से कैंसर और दिल दिमाग की खतरनाक बीमारियों से लड़ने में भी मदद मिलती है. रोजाना कसरत और व्यायाम के साथ प्राकृतिक सब्जी और फलों का आहार आपके जीवन में बहार ला सकता है.


वैश्विक बाजार में है भारत की धाक


जैविक खेती के वैश्विक बाजार में भारत तेजी से अपनी धाक जमा रहा है. डिमांड इतनी है कि सप्लाई पूरी नहीं हो पाती. आने वाले सालों में जैविक खेती के क्षेत्र में निश्चित तौर पर बहुत अधिक संभावनाएं हैं.


जैविक खेती कैसे शुरु करें


अक्सर लोगों सवाल पूछते हैं कि जैविक खेती शुरू कैसे करें? इसके लिए सबसे पहले आप जहां खेती करना चाहते हैं वहां की मिट्टी को समझें. ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले किसान इसका प्रशिक्षण लेकर शुरुआत करें तो चुनौतियों को काफी कम किया जा सकता है. किस को बाजार की डिमांड को समझते हुए फसल का चुनाव करना है कि कौन सी फसल उगाए. इसके लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से राय ज़रूर ले लें.



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