दुबई के नहीं अब राजस्थान के इन खजूरों की बाजार में बढ़ी डिमांड, जानिए किसान कैसे कमा रहे हैं लाखों
ये खजूर फीनिक्स डेक्टीलीफेरा प्रजाति के हैं. इस प्रजाति के खजूरों की सबसे अच्छी बात ये है कि इन्हें पकाने के लिए किसी प्रकार के केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती.
अब तक आपने जब भी सबसे बेस्ट खजूर के बारे में सुना होगा तो उसके साथ ये भी सुना होगा कि ये दुबई से आए हैं. ईद और रमजान के समय दुबई से आए खजूर और महंगे खजूरों की खूब बात होती है, हालांकि, अब इन दुबई वाले खजूरों की जगह राजस्थान वाले खजूर ले रहे हैं. दरअसल, इस वक्त राजस्थान के कई किसान खजूर की खेती कर रहे हैं. इन खजूरों की डिमांड देश में तो है ही विदेशों में भी इनकी डिमांड खूब है. सबसे बड़ी बात कि ये खजूर खाड़ी देशों के खजूर से सस्ते भी हैं और इनका स्वाद भी उनसे बेहतर है.
राजस्थान में कैसे उग रहे खजूर
कुछ सालों पहले तक राजस्थान के किसानों के लिए ये सोचना भी मुश्किल था कि वहां खजूर की खेती भी हो सकती है. हालांकि, अब ऐसा मुमकिन है. दरअसल, अब केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने खजूर की ऐसी किस्म को तैयार किया है जो राजस्थान की शुष्क जलवायु में आसानी से तैयार हो जाती है. ये खजूर खासतौर से राजस्थान के पश्चिमी इलाके में ही उगते हैं.
इन खजूरों में विशेषता क्या है?
इन खजूरों के बारे में जो बात सबसे ज्यादा लोकप्रिय है वो है इनका केमिकल फ्री तरीके से उगाया और पकाया जाना. दरअसल ये खजूर फीनिक्स डेक्टीलीफेरा प्रजाति के हैं. इस प्रजाति के खजूरों की सबसे अच्छी बात ये है कि इन्हें पकाने के लिए किसी प्रकार के केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती. ये बिना केमिकल के आसानी से पक जाते हैं. ये स्पेशल खजूर हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. इनमें मौजूद फाइबर, विटामिन, मिनिरल्स और पोषक तत्व हमारे शरीर को अंदर से मजबूत करते हैं. वहीं जहां तक बात रही इसकी कीमत की बाजार में इन खजूरों की कीमत खाड़ी देशों के खजूरों की कीमत से काफी कम होता है. सबसे बड़ी बात कि जितना फ्रेश ये खजूर आपको मिल जाएंगे, उतने फ्रेश आपको दुबई वाले खजूर नहीं मिलेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें वहां से भारत लाने में काफी समय लग जाता है.
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