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देसी Vs हाइब्रिड: ये हैं वो फल और सब्जियां जिनमें दोनों वैरायटी मिलती हैं

Desi Vs Hybrid: सब्जियों की तरह कई प्रकार के फल भी हैं जो हाइब्रिड तरीके से उगाए जा रहे हैं. आम, लीची, प्लम, अनार, सेब, अमरूद यहां तक कि संतरे और मौसमी भी हाइब्रिड तरीके से उगाया जा रहे हैं.

Desi Vs Hybrid Fruits and Vegetables: देसी और हाइब्रिड फल-सब्जियों को लेकर अक्सर चर्चा होती है कि इनमें से कौन सा ज्यादा बेहतर है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें तो देसी सब्जियां और फल हमेशा हाइब्रिड से बेहतर होती हैं. लेकिन हाइब्रिड फल और सब्जियां दिखने में सुंदर होते हैं और हर समय आपके लिए बाजार में उपलब्ध रहते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कौन से ऐसे सब्जी और फल हैं जो हाइब्रिड और देसी दोनों प्रकार में पाए जाते हैं. सबसे बड़ी बात कि घर लाने से पहले बाजार में ही आप इन्हें कैसे पहचानें की कौन सी फल या सब्जी हाइब्रिड है और कौन सी फल या सब्जी देसी है.

देसी और हाइब्रिड सब्जियां

कई ऐसी सब्जियां हैं जो देसी और हाइब्रिड दोनों आती हैं. ऐसे में आपके लिए इन दोनों में से देसी सब्जी को चुनना मुश्किल हो जाता है. आपको बता दें, टमाटर, कद्दू, खीरा, लौकी, परवल, गाजर, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, हरी मिर्च, करेला, नेनुआ यहां तक की शिमला मिर्च और हरी मटर भी हाइब्रिड आने लगी है. यह तमाम सब्जियां आपको बाजार में पूरे साल उपलब्ध रहेंगी. इनकी साइज देसी सब्जियों से ज्यादा बड़ी होती है. इसके साथ ही यह देखने में भी काफी सुंदर लगती हैं. इनकी कीमत भी देसी सब्जियों के मुकाबले ज्यादा होती है.

हालांकि, आपको इन सब्जियों को खाने से बचना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि बेमौसम कोई भी सब्जी जिसे हाइब्रिड तरीके से उगाया गया हो, अगर आप उसे खाते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती हैं. वहीं, अगर देसी सब्जियों की बात करें, तो यह बाजार में आपको सिर्फ उसी समय मिलेंगी जब इनका सीजन चल रहा होगा. जैसे हरी मटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी, गाजर जैसी सब्जियां आपको केवल ठंड में मिलेंगी. वहीं, करेला, नेनुआ, लौकी, भिंडी और कद्दू जैसी सब्जियां आपको गर्मी में मिलेंगी.

देसी और हाइब्रिड फल

सब्जियों की तरह कई प्रकार के फल भी हैं जो हाइब्रिड तरीके से उगाए जा रहे हैं. आम, लीची, प्लम, अनार, सेब, अमरूद यहां तक कि संतरे और मौसमी भी हाइब्रिड तरीके से उगाया जा रहे हैं. यह फल आपको पूरे साल बाजार में बिकते मिलेंगे. इनका रंग और साइज देसी फलों के मुकाबले ज्यादा बड़ा और खूबसूरत होगा. हालांकि, सेहत के लिए यह बिल्कुल भी मुफीद नहीं हैं. इन्हें उगाने के लिए तमाम तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इनके अंदर कई तरह के टॉक्सिन बनने लगते हैं. वैसे भी आयुर्वेद के अनुसार, किसी भी मौसम में सिर्फ उन्हीं फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए जो उस वक्त नेचुरल तरीके से पैदा होती हों. बेमौसमी फल और सब्जियां हमेशा से आपकी सेहत के लिए हानिकारक ही रही हैं.

कैसे तैयार होती हैं हाइब्रिड सब्जियां और फल

हाइब्रिड सब्जियों और फलों के तैयार करने के लिए उनकी ओरिजिनल जीन से खिलवाड़ किया जाता है, उनके अंदर कई तरह के हॉर्मोनल चेंज लाए जाते हैं जिससे इन फलों और सब्जियों के आकार, स्वाद और रंग में काफी बदलाव आ जाता है. कुल मिलाकर कहें तो हाइब्रिड तरीके से सब्जियों और फलों को ज्यादा सुंदर और बड़ा दिखाने की कोशिश की जाती है. ताकि किसानों को इससे मुनाफा हो. लेकिन सब्जियों में जब वैज्ञानिक तरीके से यह परिवर्तन किए जाते हैं तो उनके अंदर के वह लाभकारी गुण या तो खत्म हो जाते हैं या बेहद कम हो जाते हैं, जिनके लिए आयुर्वेद या डॉक्टर उन्हें खाने की सलाह देते थे.

कौन कर रहा है हाइब्रिड फल और सब्जियों की खेती

दुनिया के सबसे पहले हाइब्रिड पौधे की खोज 1716 में Thomas Fairchild ने किया था. हालांकि आज, पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर इनकी खेती सबसे ज्यादा चीन में हो रही है. चीन अपने यहां इन्हें तैयार करके पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट कर रहा है. चीन के लिए हाइब्रिड फल और सब्जियां आमदनी का बड़ा जरिया हैं. दिखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगने वाले यह फल और सब्जियां आपको अंदर से बीमार कर रही हैं. भविष्य में कभी भी बाजार से फल और सब्जियां खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जो चीज आप खरीद कर घर ले जा रहे हैं वह हाइब्रिड हैं या फिर देसी.

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