Oyster Mushroom Farming: खेती किसानी के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी कमाने के लिए कई किसान मशरूम उत्पादन (Mushroom Farming) में हाथ आजमाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मशरूम एक बागवानी फसल है, जिसकी डिमांड बाकी सब्जियों से कहीं ज्यादा है, लेकिन कम उत्पादन के कारण इसकी कीमतें आसमान छू जाती हैं. यही कारण है कि पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) करने की सलाह भी दी जाती है.
मशरूम उगाना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है, इसके लिए 10*10 के कमरे में छोटा सा ढांचा तैयार कर सकते हैं. शहरों से सटे ग्रामीण इलाकों में मशरूम उत्पादन करके छोटे-सीमांत किसानों के साथ-साथ महिलाओं को काफी फायदा हो सकता है.
ढींगरी मशरूम की खेती
भारत में मशरूम की कई किस्में उगाई और खाई जाती हैं. इसमें सफेद बटन मशरूम, ढिंगरी यानी ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैड़ी स्ट्रॉ मशरूम और शिटाके मशरूम काफी फेमस है. इन्हें उगाने के लिये खाद-मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि एक 10*10 के कमरे में सिर्फ कंपोस्ट और धान गेहूं के अवशेषों से ही अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
खासकर बात करें ढिंगरी यानी ऑयस्टर मशरूम उत्पादन की तो ये किस्म 8 महीनों तक मोटा उत्पादन देती है. सितंबर से लेकर अप्रैल के बीच इसकी खेती की जाती है, जिसके लिये अगस्त माह में ही तैयारी कर देनी चाहिये. सिंतबर में इसकी बिजाई करने पर 1 से 2 महीने के अंदर ही मशरूम निकल आते हैं.
इस जगह पर लगाएं
ढिंगरी मशरूम लगाने के लिए खेत खलिहानों की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि 10*10 के कमरे या शेडनेट में भी आसानी से उग जाते हैं. कई किसान खेतों के पास झुग्गियां बनाकर भी मशरूम की खेती कर रहे हैं.
इस तरह करें देखभाल
- सबसे पहले बंद कमरे में मशरूम उत्पादन का ढांचा तैयार करके स्पॉन लगाये जाते हैं और 15 दिन के लिये कमरे को बंद कर दिया जाता है.
- स्पॉन के अच्छे विकास के लिए कमरे की खिड़की को रोजाना सिर्फ दो घंटे के लिए खोल देते हैं, ताकि कमरे का तापमान सामान्य हो जाये.
- इसके लिये कई मशरूम किसान कमरों में मीटर भी लगाते हैं, जिससे तापमान की जानकारी मिलती रहती है.
- बता दें कि मशरूम की खेती के लिए 15 से 28 तक डिग्री सेल्सियस तक तापमान बनाये रखना होता है.
- जब मशरूम पक कर तैयार हो जाते हैं तो उन्हें राउंड सर्कल में घुमा कर निकाल लिया जाता है.
- ढिंगरी मशरूम की खेती के लिये बड़े पॉलीबैग में या मिट्टी के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- मशरूम तैयार होने के बाद इनकी पैकेजिंग की जाती है, ताकि ज्यादा समय तक ये खराब ना हों.
ढिंगरी मशरूम की मार्केटिंग
ढिंगरी मशरूम की खेती से पहले इसके बाजार की जानकारी होना बेहद जरूरी है. शहरों में तो इसकी काफी मांग रहती है, लेकिन कस्बों में कम ही लोग इसे खरीदते हैं. चाहें तो 200 ग्राम के पॉलीबैग पैकेट तैयार करके दुकानों और मंडियों में सप्लाई कर सकते हैं या फिर स्टोर करके बड़े-बड़े शहरों तक भी पहुंचा सकते हैं.
मशरूम की खेती से आमदनी
पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले किसानों के पास बुवाई से लेकर कटाई के बीच काफी लंबा समय होता है. इस बीच के ढिंगरी मशरूम का उत्पादन (Oyster Mushroom Production)करके आराम से अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं.
ढिंगरी मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Farming) में 6 से 7 हजार रुपये की शुरुआती लागत आती है, जो अगले 2 महीने में 20,000 के मुनाफे में में तब्दील हो जाती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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