Indigenous Tomato And Hybrid Tomato: अगर आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है तो टमाटर को सब्जियों का सेनापति कहा जा सकता है. टमाटर जिस सब्जी में पड़ जाए उसके स्वाद में चार चांद लग जाते हैं. सलाद से लेकर सूप तक में टमाटर का खूब इस्तेमाल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में टमाटर की दो किस्में मिलती हैं. बाजार से आप जो टमाटर घर लेकर आए हैं वो देसी है या फिर हाइब्रिड इसकी पहचान कैसे करेंगे. आज इस लेख में हम आपको देसी और हाइब्रिड टमाटरों से जुड़े फर्क के बारे में बताएंगे. इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि आखिर देसी टमाटरों की मार्केट में डिमांड इतनी ज्यादा क्यों होती है.


देसी और हाइब्रिड टमाटर में अंतर


दोनों टमाटर ही हैं और इनका काम भी एक जैसा ही होता है, लेकिन इसके बावजूद देसी और हाइब्रिड टमाटरों में जमीन और आसमान का अंतर होता है. स्वाद से लेकर रंग रूप में, यहां तक कि कीमतों में भी बहुद ज्यादा फर्क होता है.


देसी टमाटर: यह देखने में गोल और रसीले नजर आते हैं. इसके साथ ही देशी टमाटर खाने में स्वादिष्ट और पौस्टिक होते हैं. देसी टमाटर का स्वाद हल्का खट्टा होता है. इसका रंग गहरा लाल ना होकर हल्का हरा और हल्का पीला होता है. देसी टमाटर आपको देखने में लगेगा कि अभी कच्चा है, लेकिन असल में अंदर से यह पक चुका होता है.


हाइब्रिड टमाटर: यह टमाटर सुर्ख लाल और टाइट होते हैं. इन्हें आप हाथ में लेगें तो आपको महसूस होगा जैसे इनमें कोई रस नहीं है. इन टमाटरों का स्वाद भी बिल्कुल फीका होता है. हालांकि, ये ज्यादा दिनों तक चल जाते हैं. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें तो यह टमाटर हमारे लिए हानिकारक हैं, क्योंकि इसे उगाने के लिए तमाम तरह की दवाईयों का इस्तेमाल होता है.


देसी टमाटरों की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है


देसी टमाटरों की मार्केट में डिमांड हाइब्रिड वाले टमाटरों से ज्यादा होती है. इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे पहला कारण है स्वाद. देसी टमाटरों में जो स्वाद होता है वह हाइब्रिड टमाटरों में नहीं मिलता. आप सब्जी में एक देसी टमाटर डाल दें, वह कई हाइब्रिड टमाटरों से ज्यादा स्वाद देगा. दूसरी सबसे बड़ी वजह है, देसी टमाटर स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते हैं. जबकि, हाइब्रिड वाले टमाटर आपको बीमार कर देते हैं. यही वजह है कि डॉक्टर भी देसी और ऑर्गेनिक टमाटरों को खाने की सलाह देते हैं.


देसी टमाटरों के ज्यादा डिमांड की तीसरी सबसे बड़ी वजह है कीमत. देसी टमाटर, हाइब्रिड वाले टमाटरों की अपेक्षा ज्यादा सस्ते होते हैं. दरअसल, देसी टमाटरों को भारत में ही उगाया जाता है, ज्यादातर मंडियों में देसी टमाटर लोकल ही होते हैं, जिस वजह से इनकी कीमत कम होती है. वहीं, हाइब्रिड टमाटर बाहर से मंगाए जाते हैं, जिसकी वजह से वो महंगे होते हैं.


देसी टमाटर की ये 6 किस्में सबसे ज्यादा डिमांड में


देसी टमाटर में भी 6 किस्में पाई जाती हैं. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के दो वैज्ञानिकों ने टमाटर की 6 देसी किस्मों को इजाद किया था. ये 6 किस्में हैं- काशी अमृत, काशी विशेष, काशी हेमंत, काशी शरद, काशी अनुपम और काशी अभिमा. छत्तीसगढ़, ओड़िसा, आंध्रप्रदेश और एमपी के किसान काशी हेमंत को उगाना पसंद करते हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों की पहली पसंद काशी शरद है. जबकि, गरम जलवायु के क्षेत्र माने जाने वाले हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के किसान काशी अनुपम को अपनी पहली पसंद मानते हैं. काशी विशेष टमाटर एक ऐसी किस्म है, जो हर जगह उगाई जा सकती है.


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