Mobile App for Identification of Seeds: खेती-किसानी को भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की जान कहते हैं, जहां किसान जी-तोड़ मेहनत करके फल, फूल, सब्जी और अनाज उगाते हैं. इससे पूरे भारत की जरूरतें पूरा होती है, लेकिन धीरे-धीरे खेती का स्वरूप बदल रहा है. खेती-किसानी में जोखिम भी दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारत में किसानों को अधिक नुकसान खराब और घटिया बीज (Fake Sedds) इस्तेमाल करने पर होता है, जिससे फसल में कीट-रोग की संभावना (Pest-Disease in Crops) तो होती ही है, साथ ही उपज की क्वालिटी भी गिर जाती है.


कई किसान अशिक्षित होने कारण अली और नकली बीज में अंतर नहीं कर पाते फल स्वरूप उन्हें नुकासन भुगतना पड़ता है. इसी समस्या का समाधान निकालते हुये डिजिटल किसान मोबाइल एप (Digital Kisan, Haryana Mobile Application) लॉन्च किया गया है, जिसे ऑपरेट करके चंद मिनटों में असली-नकली बीजों की पहचान कर सकते हैं.




डिजिटल किसान ऐप (Digital Kisan App)
डिजिटल किसान एप का पूरा नाम डिजिटल किसान हरियाणा मोबाइल एपलिकेशन है, जो किसानों को मौसम की जानकारी, सफलता की कहानियां, कृषि तकनीकें, एक्सपर्ट की राय, कृषि योजनायें और किसानों को असली और घटिया बीजों की जानकारी देता है. ये एप किसानों को रुटीन काम करने में तो मदद करता ही है, लेकिन चंद मिनटों में बीजों की जानकारी देने वाला इसका फीचर लाजवाब है, जो सिर्फ 1 मिनट में बीज की क्वालिटी और पैदावार के साथ-साथ निर्माता कंपनी की कुंडली फोन पर ही खोल देगा.




इस तरह करें असली-नकली बीज की पहचान (Process for Identification of Real And Fake Seeds)
दरअसल बीज निर्माता कंपनियां बीजों के पौकेट पर एक QR CODE लगाती हैं. इसी क्यूआर कोड को स्कैन करके किसान बीज की क्वालिटी को जांच सकते हैं. इसी काम में डिजिटल किसान, हरियाणा (Digital Kisan, Haryana App) एक किसानों की मदद करता है.



  • इस सुविधा के लिये सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से डिजिटल किसान, हरियाणा एपलिकेशन डाउनलोड और इंस्टॉल करें.

  • इसके बाद  गुणवत्ता जांच के ऑपशन पर क्लिक करके क्यूआर कोड को सलेक्ट करें.

  • बीज के पैकेट पर छपे क्यूआरकोड को डिजिटल किसान एप के स्कैनर से स्कैन करें, जिसके बाद बीज की क्वालिटी का ब्यौरा स्क्रीन पर खुल जायेगा.

  • जिन किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे साधारण फोन के जरिये भी बीजों की क्वालिटी जांच सकते हैं.

  • इसके लिये बीज के पैकेट पर छपे बार कोड निर्धारित नंबर पर एसएमएस भेजकर बीजों की गुणवत्ता की तहकीकात कर सकते हैं.

  • अगर फसल के बीज नकली पाये जाते हैं, तो बीज भंडार या उस बीज के बिक्रेता और कंपनी पर कार्यवाही भी की जा सकती है.

  • इतना ही नहीं, पैकेट पर बारकोड और स्कैन कोड़ न लगाने पर भी बीज निर्माता कंपनियों पर लगाम कसी जा सकती है.




हरियाणा के किसानों के लिये है सुविधा 
दरसअल डिजिटल किसान हरियाणा एप (Digital Kisan Haryana App) राज्य सरकार के नेतृत्व में विकसित और लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में नकली बीजों की बिक्री और कालाबाजारी की रोकथाम करना है. जाहिर है कि हरियाणा में करीब 6 लाख हेक्टेयर पर कपास की खेती होती है, जिसके लिये ज्यादातर किसान हाइब्रिड बीजों (Hybrid Seeds) का इस्तेमाल करते हैं. पिछले दिनों किसान नकली बीजों (Fake Seeds) के कारण खेती में नुकसान झेल रहे थे. इसी समस्या को संज्ञान में लेते हुये हरियाणा कृषि विभाग (Haryana Agriculture Department)  ने कई सख्त कदम उठाये हैं. डिजिटल किसान हरियाणा एपलिकेशन (Digital Kisan Haryana App) भी इन्हीं खास कदमों का नतीजा है, जो किसानों को आर्थिक सकंट से बचा सकता है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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