Strawberry Cultivation: हरियाणा ने देश को कई शूरवीर दिए हैं. देश की सेवा करने वाले और देश की ताकत को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर प्रदर्शित करने वाले शूरवीर. वैसे तो हरियाणा को किसानों और खिलाड़ियों की धरती भी कहते हैं. यहां के किसान खेतों में जीतोड़ मेहनत करते हैं और उनके बच्चे देश को स्पोर्ट्स मे रिप्रजेंट करती हैं. पिछले कुछ सालों में बाकी राज्यों के मुकाबले हरियाणा ने कृषि में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. यहां के किसान से लेकर युवा भी अब खेती-किसानी से जुड़कर कुछ नया कर रहे हैं.
इनकी कहानियां सोशल मीडिया पर लोगों को मोटिवेट कर रही हैं और इसी तरह लोगों का रुझान कृषि क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही मोटिवेशनल कहानी लाए हैं, जो सोनीपत जिले के चिटाना गांव में रहने वाले अंकित की है. अंकित के पिता पेशे से डेंटल फिजिशियन हैं, लेकिन अंकित ने सफलता पाने के लिए किसी बड़ी डिग्री, नौकरी, पेशे के बजाए खेती-किसानी को चुना है.
स्ट्रॉबेरी की खेती से हो रही बढ़िया आमदनी
सोनीपत के चिटाना गांव के रहने वाले अंकित इन दिनों स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. अंकित ने स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए कोई अलग से ट्रेनिंग नहीं ली है, बल्कि यूट्यूब से आइडिया लेकर ही आज इस स्वादिष्ट विदेशी फल का उत्पादन ले रहे हैं.
यह सिलसिला करीब 5 साल पहले चालू हुआ, जब अंकित ने यूट्यूब से ही स्ट्रॉबेरी उगाने की नई तकनीकों के बारे में जाना. रोजाना एक नई तकनीक की जानकारी लेते और अपने ज्ञान का भंडार भरते. जब इस खेती के बारे में सब समझ में आने लगा तो अपने खेत पर जाकर स्ट्रॉबेरी की खेती का अभ्यास किया और आज 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
कैसे की शुरुआत
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ-साथ ग्रेजुएशन में कर रहे हैं. करीब 2 साल पहले अपने 2 एकड़ खेत में स्ट्रॉबेरी उगाने का फैसला किया. इसके लिए 7 से 8 लाख रुपये भी खर्च किए. आज अंकित ना सिर्फ खुद अच्छी कमाई करके आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि गांव के कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल है, जो हमेशा डिमांड में रहता है. यही वजह है कि अंकित को इसकी मार्केटिंग की भी कोई परेशानी नहीं है. अब खरीदने वाले फोन पर ही अपना ऑर्डर बुक कर लेते हैं. अब खेती में हो रहे खर्च से कहीं अधिक आमदनी हो रही है.
पारंपरिक फसलों से ज्यादा मुनाफा
मीडिया से बातचीत करते अंकित बताते हैं कि पारंपरिक फसलों के मुकाबले स्ट्रॉबेरी की खेती करके अच्छी आय ली जा सकती है. हमारे पूर्वज इतना गेहूं-धान की फसल से नहीं कमा पाते थे, जितना स्ट्रॉबेरी की फसल से कमाई हो रही है. आज के समय में जहां युवाओं को नौकरी पाना मुश्किल हो रहा है.
यह स्ट्रॉबेरी उगाकर हम लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. जहां सिर्फ नौकरी-पेशे को ही सफलता का जरिया माना जाता है, वहां आज अंकित जैसे कई युवा लोगों को सोच बदलने का काम कर रहे हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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