सरकार की ओर से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसका असर कृषि क्षेत्र में भी काफी तेजी बढ़ता दिख रहा है. कृषि के कार्यों में अब ड्रोन की मदद ली जा रही है. जिससे लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है. सरकार की ओर से ड्रोन दीदी योजना भी शुरू की गई है. योजना के तहत महिलाएं ड्रोन पायलट बनकर नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं. ऐसी ही एक ड्रोन दीदी की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना करते हुए ड्रोन दीदी बनने का सफर तय किया.


आज हम आपको कहानी बताएंगे हरियाणा के रोहतक की रहने वाली ड्रोन दीदी पायलट कविता की. कविता ने भारतीय किसान उर्वरक सहकारी  इफको के जरिए ड्रोन प्रशिक्षण लेकर नैनो उर्वरकों का फसलों पर छिड़काव किया. जिससे आज उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है. साथ ही वह दूसरी महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बनकर सामने आई हैं. कविता पोस्ट ग्रेजुएट हैं, लेकिन वह बेरोजगार थीं. उन्हें किसी माध्यम से पता चला कि इफको ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग करा रहा है.  जिसके बाद उन्होंने इफको में सम्पर्क किया और 15 दिन की ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग ली.






15 दिन में किया 90 एकड़ में छिड़काव


ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कविता को ड्रोन और ई-रिक्शा निशुल्क उपलब्ध कराए गए. जिससे वह नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव कर रही हैं. उन्होंने केवल 15 दिनों में 90 एकड़ में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव किया है. जिनमें सरसों, गेहूं और गन्ने की फसल शामिल हैं. इसके जरिए उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है. कविता बताती है कि वह और उनका परिवार इसके जरिए मजबूत हुआ है. जिसके लिए वह इफको को धन्यवाद देती हैं.

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