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Herbal Farming: फल, फूल, बीज, पत्ती और छाल हर चीज बना देगी मालामाल, 10 साल तक लाखों का मुनाफा देगा ये औषधीय पेड़

Drumstick Farming: इसकी खेती के लिये नजदीकी बाजार मांग का खास ख्याल रखना चाहिये, हालांकि आजकल ऑनलाइन वेबसाइट पर भी सहजन के उत्पाद आसानी से बेचे जा सकते हैं.

Earn Good Income by Drumstick Cultivation: भारत में बागवानी (Horticulture) और औषधीय फसलों (Herbal Farming) की खेती का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. अब किसान कई सालों तक बंधी-बधाई आमदनी लेने के लिये फल और हर्बल फसलों के पेड़ लगा रहे हैं. इनसे दीर्घकालीन आमदनी का इंतजाम हो जाता है, और बाजार में उपज के अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. सहजन (Drumstick) भी ऐसी ही औषधीय/ बागवानी फसलों में से एक है, जिसके फल से लेकर फूल ,पत्ती, छाल, बीज समेत पेड़ का हर हिस्सा ऊंचे दामों पर बिकता है.

खासकर सहजन से तेल (DrumStick/Moringa Oil)  निकालने के लिये अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बनी रहती है. सबसे अच्छी बात यह है कि देश के गर्म और बंजर इलाकों की सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में भी सहजन की खेती करके हर साल 6 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं. इसका इस्तेमाल पारंपरिक दवायें बनाने के साथ-साथ पानी की सफाई और खाना बनाने में भी किया जाता है.

Herbal Farming: फल, फूल, बीज, पत्ती और छाल हर चीज बना देगी मालामाल, 10 साल तक लाखों का मुनाफा देगा ये औषधीय पेड़

सहजन की खेती(Drumstick/Moringa Farming)

  • एक हेक्टेयर जमीन पर सहजन की खेती करने के लिये करीब 500-700 ग्राम बीज दर की जरूरत पड़ती है.
  • नर्सरी में इसके बीजों से करीब 1 महीने में पौधा तैयार हो जाता है, जिसके बाद खेतों में रोपाई कर सकते हैं.
  • बेहतर उत्पादन के लिये खेतों में ठीक प्रकार से पोषण प्रबंधन करें, जिसमें गोबर की खाद, नीम की खली और दूसरे पोषण तत्वों की पूर्ति करें.
  • इसकी खेती के लिये अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती, सिर्फ मिट्टी में नमी बनाने से ही काम चल जाता है.
  • किसान चाहें तो इसकी सिंचाई के लिये ड्रिप इरिगेशन या फव्वारा सिंचाई पद्धति अपना सकते हैं, जिसमें ज्यादा पानी खर्च नहीं होता.
  • समय-समय पर इसके पेड़ में कीड़े और बीमारियों की निगरानी करनी होती है, क्योंकि सहजन के फलों में भुआ पिल्लू और फल मक्खी का प्रकोप बढ़ जाता है.
  • सहजन की खेती करके हर साल 40-50 किलोग्राम सहजन फल का उत्पादन ले सकते हैं.
  • इसका पौधा 4-6 मीटर तक ऊंचाई वाला होता है, जिसमें 90-100 दिनों के बीच फूल आने लगते हैं.
  • सहजन के पौधे की अधिकतम लंबाई 10 मीटर होती है, जिसमें एक बार तुड़ाई के बाद हर 160-170 दिनों में दोबारा फल लग जाते है।
  • सहजन के पेड़ से अच्छी बढ़वार के लिये प्रतिवर्ष इसे ऊपर से 1.5-2 मीटर की ऊंचाई तक काट लेते हैं.

Herbal Farming: फल, फूल, बीज, पत्ती और छाल हर चीज बना देगी मालामाल, 10 साल तक लाखों का मुनाफा देगा ये औषधीय पेड़

लागत और आमदनी
सहजन की खेती (Drumstick/ Moringa Farming) के लिये एक एकड़ खेत में करीब 1500 पौधों की रोपाई की जाती है, जिसके बाद हर 12 महीने में मोटा उत्पादन मिल जाता है. अगर पेड़ों को लगाये कुछ समय हो जाये, तो फसल हर 8 महीने में ही तैयार हो जाती है, जिससे 3000 किलो तक उपज मिल जाती है. इस उपज को बाजार में करीब 7,50,000 रुपये तक बेचा जा सकता है. इसमें खेती की लागत जैसे-बीज, खाद-उर्वरक, सिंचाई, कीट नाशक और मजदूरी का खर्च कम से कम 1,50,000 रुपये का होता है. इस तरह किसान 6,000,00 रुपये सालाना आमदनी ले सकते हैं.

  • इसकी खेती के लिये नजदीकी बाजार मांग का खास ख्याल रखना चाहिये, हालांकि आजकल ऑनलाइन वेबसाइट पर भी सहजन के उत्पाद आसानी से बेचे जा सकते हैं. 


Herbal Farming: फल, फूल, बीज, पत्ती और छाल हर चीज बना देगी मालामाल, 10 साल तक लाखों का मुनाफा देगा ये औषधीय पेड़

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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