इस साल भी गर्मी काफी अधिक पड़ने की संभावना है. जिसकी शुरुआत भी बीते दिनों हो चुकी है. मौसम का पारा हाई हो चुका है. जिसका असर आम लोगों से लेकर किसानों तक सब पर पड़ सकता है. एक तरफ आम लोग भीषण गर्मी से परेशान रह सकते हैं तो दूसरी तरफ किसानों की फसलें भी तपिश का शिकार हो सकती हैं. आने वाले समय में गर्मी का असर सबसे अधिक गेहूं पर देखने को मिल सकता है. जिससे इसकी पैदावार भी गड़बड़ा सकती है.


भारत में बहुत बड़ी मात्रा में गेहूं की खेती की जाती है.  लेकिन ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से ये प्रभावित हो सकती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्यादा गर्मी के चलते गेहूं की चमक और क्वालिटी पर असर पड़ सकता है. ऐसे में किसान भाई फसल को बचाने के लिए हल्की सिंचाई की मदद ले सकते हैं. लेकिन जब हवा का प्रवाह तेज हो तो सिंचाई न करें. किसान भाई दोपहर के समय सिंचाई करेंगे तो फसल के लिए अच्छा रहेगा. इससे खेत में नमी बनी रहेगी और फसल पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.


रोग लगने का खतरा


अधिक गर्मी की वजह से फसल में पीला रतुआ रोग लगने की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए किसान गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग की नियमित निगरानी करनी चाहिए. अगर खेत में पीला रतुआ रोग से संक्रमित कोई पौधा दिखे तो उसे तुरंत खेत से हटा दें. इस वजह से दूसरा पौधा भी खराब हो सकता है.


इतनी है उम्मीद


भारत में इस वर्ष रिकॉर्ड 112.5 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की आशा है. जो समय पर और रिकॉर्ड बुवाई के कारण है. घरेलू मांग, सरकारी गेहूं स्टॉक में कमी और कमजोर वैश्विक कीमतों के कारण 2 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं के आयात का अनुमान भी है.


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