Durum Wheat: देश में अनाज उत्पादन की स्थिति इस बार बेहतर बनी हुई है. गेहूं की रिकॉर्ड बुवाई हुई है. रबी सीजन की कुल बुवाई का आंकड़ा बढ़कर 720 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है. इसमें अकेले गेहूं की बुवाई ही करीब 300 लाख हेक्टेयर से अधिक है.


लेकिन अच्छी बात ये है कि देश में केवल गेहूं का रकबा ही नहीं बढ़ा है. अन्य फसलों के क्षेत्र में भी वृद्धि दर्ज की गई है. बढ़े हुए आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार खुश है. इससे आने वाले साल में घरेलू खपत का संकट पैदा नहीं होगा. इसके अलावा एक और फसल का रकबा देश में बढ़ा है. 


मध्य प्रदेश में बढ़ा ड्यूरम गेहूं का रकबा


ड्यूरम गेहूं का प्रयोग आमतौर पर सूजी, दलिया, सेमोलिना, पास्ता बनाने में किया जाता है. विश्व के अलग अलग देशों में इसकी भारी डिमांड रहती है. अब खबर सामने आई है कि ड्यूरम गेहूं का रकबा देश में बढ़ गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र आईएआरआई के इंदौर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से जानकारी दी कि मौजूदा रबी सत्र चल रहा है. मध्य प्रदेश में ड्यूरम गेहूं का रकबा बढ़कर 13 लाख हेक्टेयर हो गया है. जबकि पिछले सीजन में यह 12 लाख हेक्टेयर के आसपास था. 


अंतरराष्ट्रीय बाजार में है मांग


अंतरराष्ट्रीय बाजार में ड्यूरम गेहूं की बहुत मांग रहती है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मांग में कुछ ठहराव आ गया था. पहले के सापेक्ष हालात अब सुधरे हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर इस गेहूं की मांग में तेजी दर्ज की जा सकती है. मांग तेजी हुई तो मध्य प्रदेश में पैदा होने वाले डयूरम गेहूं की मांग भी तेज हो जाएगी. 


उत्तर प्रदेश में भी बोया जा रहा ड्यूरम गेहूं


विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य गेहूं के सापेक्ष ड्यूरम गेहूं से कमाई अधिक होती है. इसलिए किसान भी इस फसल की बुवाई को उत्सुक रहते हैं. बेहतर उत्पादकता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बढ़ती मांग के चलते मध्य प्रदेश के किसान ड्यूरम गेहूं की अधिक बुवाई कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी किसानों ने इस फसल की बुवाई में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है.


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