National Agriculture Market: राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम ने डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने का काम किया है. यह एक ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल है, जिसकी मदद से किसान आप घर बैठे ही अपनी उपज को देश के किसी भी कोने में बेच सकता है और अपनी उपज के वाजिब दाम हासिल कर सकता है. ईनाम की मदद से उपज को मंडी तक ले जाने का झंझट ही खत्म हो गया. किसान खुद को ईनाम के ट्रेडिंग पोर्टल पर रजिस्टर करते हैं और घर बैठे ईनाम ट्रेडिंग पोर्टल पर अपनी उपज की बोली लगाते हैं, जो व्यापारियों उपज को खरीदता है, वह खुद ही उपज को खेतों से ले जाता है. बदले में किसान को ऑनलाइन पेमेंट मिल जाती है.


इन दिनों ई नाम प्लेटफॉर्म इतना लोकप्रिय हो रहा है कि ज्यादातर किसान अब अपनी उपज को इनाम ट्रेडिंग पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ही बेच रहे है. इसने कृषि के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति ला दी है. इन सभी उपलब्धियों के लिए नई दिल्ली में आयोजित डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स 2022 में ईनाम ट्रेडिंग पोर्टल को डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी का प्लेटिनम अवार्ड दिया गया है. यह अवार्ड भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईनाम की संयुक्त सचिव, विपणन डॉ. एन विजयालक्ष्मी को प्रदान किया है.


देश भर में फैला है ईनाम का नेटवर्क 
आज राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ईनाम 22 राज्यों 3 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर कर रहा है. ईनाम ट्रेडिंग पोर्टल ने 1260 एपीएमसी मंडियों को साथ में लाने का काम किया है, जिस पर 203 कृषि और बागवानी जिंसों के ऑनलाइन व्यापार की सुविधा दी जाती है.


आज ईनाम किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलवाने के लिए मशहूर हो रहा है. कभी किसानों को क्वालिटी उपास को बेचने के लिए अलग-अलग राज्यों की मंडियों के भी चक्कर काटने पड़ जाते थे, जिसमें बड़ा खर्चा होता था, लेकिन आज इनाम के ट्रेडिंग पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर उपज की बोली लगवा सकते हैं.


इसके लिए पोर्टल पर व्यापारी भी जुड़े हुए हैं. ईनाम पोर्टल ने बिचौलियों का झंझट खत्म कर दिया है, जिससे किसानों के शोषण की संभावना भी नहीं है. आज ईनाम के जरिए कई इलाकों में मंडी का लगभग डिजिटलीकरण हो चुका है और कृषि जिंसों की ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.






करोड़ों किसान और लाखों व्यापारी मिलकर कर रहे व्यापार 
31 दिसंबर 2022 तक के आंकड़े बताते हैं कि ईनाम ट्रेडिंग पोर्टल पर करीब 1.74 करोड़ से अधिक किसानों और 2.39 लाख व्यापारियों ने अपना पंजीकरण करवाया है. इतना ही नहीं, इस पोर्टल पर अभी तक करीब 69 मिलियन मीट्रिक टन का व्यापार दर्ज हुआ है, जिसकी कीमत 2.42 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है.


क्यों दिया जाता है डिजिटल इंडिया अवार्ड 
आज के आधुनिक दौर में ज्यादातर काम ऑनलाइन ही हो गए हैं. अब कृषि के क्षेत्र में भी डिजिटलीकरण कारोबार बढ़ावा दिया जा रहा है. हमारे किसान अब अपने आधे से ज्यादा काम मोबाइल फोन पर ही कर सकते हैं. इससे सरकारी दफ्तरों से लेकर मंडियों के चक्कर काटने की झंझट ही खत्म हो गई है.


आपको जानकर हैरानी होगी कि ईनाम का सबसे ज्यादा व्यापार कोरोना के समय पर हुआ. बड़ी संख्या में किसानों ने कोरोना महामारी के समय घर बैठे ही अपनी उपज की ऑनलाइन बिक्री की. बता दें कि ईनाम कृषि मंत्रालय का ही हिस्सा है और इस तरह की तमाम सरकारी संस्थाओं में डिजिटल गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करते हुए डिजिटल इंडिया अवार्ड दिया जाता है.


इसके लिए भारत के राष्ट्रीय पोर्टल के तहत एनआईटीवाई द्वारा डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स का सेक्शन भी बनाया गया है, जिसके जरिए सरकारी संस्थाओं के अलावा डिजिटल इंडिया के विजन को पूरा करते हुए प्राइवेट स्टार्टअप्स को भी सम्मानित किया जा रहा है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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