Herbal Farming: बंजर जमीन में मुलेठी उगायें डबल मुनाफा कमायें, जानें इसकी रोपाई का सही तरीका
Herbal farming: कटाई के बाद खेतों में मुलेठी की जड़ रह जाती है, इसमें सिंचाई करके दोबारा उत्पादन ले सकते हैं. इस तरह से एक बार मुलेठी की खेती करके किसान कई सालों तक लाभ कमा सकते हैं.
Medicinal Plant Cultivation: भारत में औषधीय पौधों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं. इनकी खेती करने से किसानों को अच्छे दाम मिल जाते हैं और बंजर जमीन का भी सही इस्तेमाल हो जाता है. हम बात कर रहें मुलेठी की खेती के बारे में. औषधीय से भरपूर मुलेठी में त्वचा से लेकर बालों तक, खून से लेकर मुंह के रोगों जैसी कई समस्याओं को दूर करने की शक्ति होती है. इसकी खेती की बात करें तो ये एक झाड़ीनुमा औषधीय पौधा होता है. जिसकी रोपाई साल मेंं दो बार जनवरी-फरवरी और जुलाई-अगस्त के बीच की जाती है. मुलेठी की खेती के लिये राजस्थान की गर्म और शुष्क जलवायु बेहतरीन मानी जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो बंजर जमीन का सदुपयोग करने के लिये मुलेठी की खेती की जा सकती है.
मुलेठी की खेती
एक एकड़ खेत में महकदार मुलेठी की रोपाई के लिये करीब 100 किलो ताजा जड़ों का प्रयोग किया जाता है. इसकी रोपाई से पहले खेत को इस प्रकार तैयार करें-
- खेत की मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिये 2-3 गहरी जुताई का काम कर लें.
- आखिरी जुताई से पहले खेत में 10-15 गाड़ी गोबर की सड़ी खाद, 8 किलो नाइट्रोजन और 16 किलो फास्फोरस का मिश्रण बनाकर खेत में मिला दें.
- खेतों में रोपाई से पहले जड़ों का उपचार कर लें. जिससे फसल में कीड़ों और बीमारियों की संभावना ना रहे.
- रोपाई के लिये सबसे पहले दो-तीन आंखों वाले 8-9 इंच लंबे टुकड़ों को काटकर तीन-चौथाई हिस्से को मिट्टी में दबा दें.
- मुलेठी की बुवाई कतारों में करें और रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई का काम कर दें.
- पौधे की बढ़वार होने तक मिट्टी में ठीक तरह से नमी बनाये रखें.
- खेत में खरपतवारों की निगरानी के साथ-साथ निराई-गुड़ाई काम भी करते रहें.
- मुलेठी की फसल में कीड़े और बीमारियों से बचाव के लिये जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें.
मुलेठी से आमदनी
मुलेठी की जड़ से झाड़ी और मोटा तना बनने में करीब 3 साल का समय लगता है. लेकिन कटाई के बाद एक हैक्टेयर में मुलेठी की खेती करके 4000 किलो तक उत्पादन ले सकते हैं.
- कटाई के बाद खेतों में मुलेठी की जड़ रह जाती है, इसमें सिंचाई करके दोबारा उत्पादन ले सकते हैं.
- इस तरह से एक बार मुलेठी की खेती करके किसान कई सालों तक लाभ कमा सकते हैं.
- बात करें मुलेठी की खेती से आमदनी के बारे में तो आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है.
- आयुर्वेदिक या दूसरी दवा कंपनियां मुलेठी को 50-100 रुपये तक के भाव पर खरीदती हैं.
- इससे किसानों को बंजर मिट्टी का सही इस्तेमाल और कम लागत में अच्छी कमाई करने का मौका मिल जाता है.
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